Updated: Tue, 16 Sep 2025 10:43 PM (IST)
नैनीताल के पास बजून गाँव में भारी बारिश से भूस्खलन हुआ जिसमें एक दो मंजिला मकान नष्ट हो गया और सात जानवर दब गए। ग्रामीणों ने पहले भी भूस्खलन की चेतावनी दी थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। घर गिरने के बाद प्रशासन ने मौके का दौरा किया और मुआवजा दिया। प्रभावितों को 3.12 लाख रुपये की राहत राशि दी गई है।
जागरण संवाददाता, नैनीताल। मूसलधार बारिश से शहर के समीपवर्ती बजून ग्राम सभा के दूधिला तोक में भूस्खलन में दो मंजिला भवन जमींदोज हो गया। गनीमत रही कि खतरे को भांपते हुए भवन स्वामी गांव में ही स्थित अपने भाई के भवन में शिफ्ट हो गए थे।
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भूस्खलन से भवन के निचले हिस्से में बंधे सात जानवर दफन हो गए और सारा घरेलू सामान नष्ट हो गया। रात में पहाड़ी से गिरते बोल्डर और पत्थरों की तेज आवाज के बीच ग्रामीणों ने पूरी रात दहशत में बिताई। शहर के समीपवर्ती बजून ग्रामसभा के दूधिला तोक में भूपाल सिंह समेत पांच परिवार निवास करते हैं।
बजून-अधौड़ा मार्ग के ठीक नीचे स्थित यहां के निवासी बीते करीब पांच वर्ष से भूस्खलन की मार झेल रहे हैं। मोटर मार्ग के निर्माण के दौरान शुरू हुआ भूस्खलन का मलबा आवासों तक पहुंचने लगा तो ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक गुहार लगाई।
बीते चार सितंबर को जागरण ने समस्या को प्रमुखता से उठाया लेकिन इसके बावजूद जिम्मेदारों की नींद नहीं टूटी। इधर सोमवार रात मूसलधार वर्षा में पहाड़ी पर हुए भूस्खलन से भारी मलबा नीचे आवासों तक पहुंच गया।
रात में बोल्डर व पत्थरों के गिरने की आवाज सुन ग्रामीण दहशत में आ गए। अंधेरा होने के कारण घरों से बाहर भी नहीं निकल सके। मलबे ने ग्रामीण भूपाल सिंह के दो मंजिला भवन को चपेट में ले लिया।
इस आपदा में उनकी दो गाय, दो भैंस, दो बछड़े और एक घोड़ा और घर का सारा सामान मलबे में दब गया। खेतों में मलबा भरने से सारी सब्जी व फसल भी बर्बाद हो गई। पहाड़ी से लगातार गिर रहे मलबे से अन्य भवनों को भी खतरा बना हुआ है।
जब आशियाना हुआ जमीदोज, तब टूटी सिस्टम की नींद
पांच साल से गुहार लगा रहे ग्रामीण भूपाल सिंह का अशियाना जमीदोज होने के बाद सरकारी मशीनरी एक्टिव नजर नहीं आई। लगातार भूस्खलन के बावजूद जिस स्थल की बीते पांच वर्षों में रोकथाम नहीं हो सकी वहां एसडीएम, भूविज्ञानी, लोनिवि व राजस्व टीमों ने पहुंच मौका मुआयना किया।
आक्रोशित ग्रामीण डीएम ने वार्ता करने कलेक्ट्रेट पहुंचे तो डीएम ने तीन दिनों तक एसडीएम से क्षेत्र की निगरानी करने व विभिन्न विभागों के अधिकारियों का कैंप लगाकर ग्रामीणों की समस्या सुनने का आश्वासन दिया। हाथों हाथ पीड़ित परिवारों को मुआवजा भी दिया गया।
इस मौके पर ग्राम प्रधान जानकी कोटलिया, अधोड़ा की प्रधान प्रेमा मेहरा, प्रभावित धीरज ढैला, उमेश ढैला, भुवन राम, देवेंद्र मेहरा, गणेश बिष्ट, भगवत बिष्ट, विक्रम कनवाल, मनमोहन कनवाल आदि थे।
आपदा प्रभावितों को करीब 3.12 लाख की मुआवजा राशि दी गई है। क्षेत्र का भू वैज्ञानिकों द्वारा सर्वे कराने के साथ ही पशुपालन विभाग की टीम ने घटनास्थल का मौका मुआयना किया है। जिलाधिकारी ने क्षेत्र में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ कैंप लगाकर ग्रामीणों की समस्याओं का निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं।
-नवाजिश खलिक, एसडीएम नैनीताल।
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