Updated: Fri, 30 May 2025 05:01 PM (IST)
रामनगर के गौजानी में कब्रिस्तान की जमीन को लेकर 32 साल पुराना विवाद फिर से बढ़ गया है। मुस्लिम समुदाय जमीन को अपना बता रहा है जबकि हिंदू परिवार वहां सालों से रह रहे हैं। पहले भी कई बार तनाव हो चुका है और अब स्थानीय लोग प्रशासन से स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं ताकि स्थिति और बिगड़ने से रोकी जा सके।
जासं, रामनगर। ग्रामीणों के मुताबिक गौजानी में कब्रिस्तान की जमीन का यह विवाद पिछले 32 साल से बना हुआ है। पूर्व में भी कई बार दोनों समुदाय के बीच इस जमीन को लेकर तनातनी की स्थिति बन चुकी है। जिससे यहां पुलिस व पीएसी बल तैनात करना पड़ा। वर्ष 1993 में विवाद शुरू हुआ था।
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इसके बाद से यहां विवाद होता रहता है। तीन माह पहले भी इस जमीन पर शादी का टेंट लगने को लेकर विवाद हुआ था। इस भूमि को मुस्लिम पक्ष की ओर से अपना बताया जाता है, वहीं उस जगह पर सालों से हिंदू परिवार रहते आ रहे हैं। ऐसे में घर के सामने कब्रिस्तान को लेकर विवाद खड़ा हो जाता है। यदि समय पर दोनों पक्षों के बीच इस विवाद का स्थाई समाधान नहीं निकला तो स्थिति और बिगड़ सकती है।
कब्रिस्तान के लिए सवा बीघा जमीन का दावा: रामनगर: गौजानी के रामलाल बताते हैं कि ये जमीन किसी जय बल्लभ की थी। बाद में यह जमीन किसी को दान में दी गई थी। इस बीच कब्रिस्तान के लिए सवा बीघा जमीन दी गई। आरोप है कि कब्रिस्तान के लिए केवल सवा बीघा जमीन थी। लेकिन किसी पटवारी की मिलीभगत से सवा बीघा की जगह 16 बीघा जमीन कब्रिस्तान के नाम हो गई। इसको लेकर वर्ष 1993 में काफी हंगामा हुआ। दोनों समुदाय के बीच समझौता हुआ ।
रूद्रपुर से एसडीएम भी इस समझौते में पहुंचे थे। जिसमें कहा गया कि कब्रिस्तान की जगह उत्तर की ओर रहेगी। जबकि पश्चिम की ओर मैदान रहेगा। उस समय सीमांकन के लिए कब्रिस्तान व खेल मैदान के बीच खंभे लगाकर तार बाढ़ लगाई गई थी। लेकिन कुछ सालों बाद तारबाढ़ टूट गई और मुस्लिम पक्ष पूरी जमीन पर अपना हक जताते आ रहे हैं।
पूर्व प्रधान ने कहा, हमारे पास जमीन के सभी कागज व नक्शा
गौजानी के पूर्व प्रधान कमरूदीन ने बताया कि इस जमीन के कोर्ट के सभी कागज व नक्शा हमारे पास हैं। हमारे पक्ष में कागज हैं। प्रशासन दूसरे पक्ष से जमीन के कागज मंगवाकर देखे। जो हम कोर्ट से जीते हैं, उसके कागज भी हैं। उसके बाद भी कब्र नहीं खोदने दी जा रही है। अधिकारी हमारी जमीन की पैमाइश करके हम दे दें। रोज का विवाद खत्म हो जाएगा। हम भी नहीं चाहते हैं कि कोई विवाद हो। हमें अपनी जमीन में कब्र नहीं खोदने दे रहे हैं जो भूमि विवादित नहीं है उस पर बेवजह हंगामा किया जा रहा है।
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