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Uttarakhand News: बागेश्वर में उत्तर भारत हाइड्रो पावर की सुरंग के ऊपर भूमि धंसी, पानी के रिसाव से दहशत में ग्रामीण

उत्तर भारत हाइड्रो पावर की सुरंग के ऊपर खारबगड़ के समीप सुरंग के ऊपर और नाचती इंटर कालेज के रास्ते के ठीक नीचे की भूमि धंसने लगी। भारी मात्रा में पानी का रिसाव भी होने लगा। दहशत में महिलाएं बच्चे और पुरुष घटना स्थल पहुंच गए।

By Prashant MishraEdited By: Published: Sat, 02 Jul 2022 06:13 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jul 2022 06:13 PM (IST)
तहसील प्रशासन और उत्तर भारत की टीम ने घटना स्थल का निरीक्षण कर लिया है।

जागरण संवाददाता, बागेश्वर: कपकोट में उत्तर भारत हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट की सुरंग के ऊपर भू-धंसाव होने से ग्रामीण दहशत में हैं। ग्रामीणों के अनुसार काफी मात्रा में पानी का भी रिसाव हो रहा है। रास्ते के नीचे बड़ा गड्ढा बन गया है। घुघुलेख (खारबगड़) गांव को खतरा पैदा हो गया है। तहसील प्रशासन और उत्तर भारत की टीम ने घटना स्थल का निरीक्षण कर लिया है। भू-वैज्ञानिकों से जांच कराने का निर्णय लिया है।

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शनिवार को कपकोट में उत्तर भारत हाइड्रो पावर की सुरंग के ऊपर खारबगड़ के समीप सुरंग के ऊपर और नाचती इंटर कालेज के रास्ते के ठीक नीचे की भूमि धंसने लगी। भारी मात्रा में पानी का रिसाव भी होने लगा। घुघुलेख के ग्रामीण दहशत में आ गए। महिलाएं, बच्चे और पुरुष घटना स्थल पहुंच गए।

ग्रामीण हयात सिंह बड़ती ने उत्तर भारत हाइड्रो पावर कंपनी को सूचना दी। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने जिलाधिकारी को फोन किया। उन्होंने कहा कि टनल के ऊपर की जमीन धंस रही है। भारी मात्रा में पानी भी निकल रहा है।

इससे लगभग 500 की आबादी को खतरा हो गया है। जिलाधिकारी विनीत कुमार ने एसडीएम कपकोट को निरीक्षण करने के निर्देश दिए। कानूनगो त्रिभवुन नेगी टीम के साथ वहां पहुंची। एसडीएम पारितोष वर्मा ने बताया कि भू-धंसाव और पानी का रिसाव हो रहा है। हाइड्रो पावर कंपनी को दिशा निर्देश दिए गए हैं।

इधर, नगर पंचायत अध्यक्ष गोविंद बिष्ट ने बताया कि उसी स्थान से वरुक-बड़ेत निर्माणाधीन सड़क भी है। जिसमें भी लगातार भूस्खलन हो रहा है। ग्रामीण प्रेमा देवी, दानुली देवी, सुमति देवी, दरवान सिंह, शेर सिंह, नरेंद्र सिंह आदि ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की मांग की है।

हाइड्रोपावर के अधिकारी कमलेश जाेशी ने बताया कि 2016 में सुरंग बन गई थी। छह वर्ष बाद भू-धंसाव की समस्या नहीं हो सकती है। पास में ही एक सड़क भी बन रही है। यह जांच का विषय है। भू-वैज्ञानिकों की टीम बुलाई गई है। उसके बाद ही रिसाव सुरंग से हो रहा है या फिर अन्य कारण हैं। उसका पता चल सकेगा। गांव की सुरक्षा में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी।


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