मुनस्यारी में पहाड़ टूटने से दो सदाबहार नालों का पानी रुका, झील बनने से ग्रामीणों में दहशत
पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी तहसील में मौसम कहर बरपा रहा है। शनिवार को मालूपाती वहरकोट के पास एक पहाड़ी दरक गई। दरकी पहाड़ी का मलबा नाले में गिरने से दो नालों का प्रवाह थम गया। जहां पर तीन सौ मीटर की झील बन गई है।
संवाद सूत्र, मुनस्यारी : पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी तहसील में मौसम कहर बरपा रहा है। शनिवार को मालूपाती, वहरकोट के पास एक पहाड़ी दरक गई। दरकी पहाड़ी का मलबा नाले में गिरने से दो नालों का प्रवाह थम गया। जहां पर तीन सौ मीटर की झील बन गई है। इस दौरान मालूपाती से लेकर भदेली तक दहशत बनी रही। गोरी नदी घाटी के लोगों को सतर्क कर दिया गया है। दोपहर बाद जक ताल का पानी रिस गया लोगों को लोगों को राहत मिली।
शनिवार को ग्राम पंचायत मालूपाती हरकोट के पास तेज आवाज के साथ एक पहाड़ दरक गया। विशाल चट्टानें टूटकर गिरने लगी। पहाड़ के टूटने का दृश्य देख कर ग्रामीण दहशत में आ गए। ग्राम प्रधान हेमा देवी ने बताया कि पहाड़ से लगातार मलबा गिरता रहा। भूस्खलन का दृश्य देख कर ग्रामीण दहशत में आ गए। ग्रामीण सोबन सिंह ने बताया कि चट्टान टूटने के दौरान गांव की भूमि भी हिलने लगी थी मलबा गिरने से यहां से बहने वाले मालूपाती नाला और एक अन्य नाले का पानी थम गया।
ग्रामीणों के अनुसार पानी थमने से वहां पर ताल बनने लगी। दोपहर तक लगभग 300 मीटर की ताल बन गई। यह नाला गोरी नदी में मिलता है। ताल फटने से गोरी नदी का जलस्तर बढऩे की आशंका को देखते हुए ग्राम प्रधान ने गोरीछाल में नदी किनारे के गांवों को भी आगाह करते हुए सावधानी बरतने को कहा। ताल बनने से मालूपाती और भदेली गांव के लोग पूरी तरह दहशत में आ गए।
सूचना मिलते ही राजस्व उप निरीक्षक दिनेश भंडारी, होमगार्ड देवेंद्र सिंह और ग्राम प्रधान भूपेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। ग्राम प्रधान भूपेंद्र सिंह ने बताया कि ताल का पानी रिसने लगा है। जिस कारण झील समाप्त हो गई है। झील का पानी बढऩे पर मदकोट को भी खतरा हो सकता था।