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महिला चिकित्सालय में दो बेसिक हेल्थ वर्कर पर सात का भार, मरीज परेशान

महिला चिकित्सालय के टीकाकरण केंद्र की कहानी भी अजब-गजब है। यहां सात बेसिक हेल्थ वर्कर (बीएचडब्ल्यू) का भार सिर्फ दो वर्कर्स के कंधों पर है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 26 Jan 2019 11:43 AM (IST)Updated: Sat, 26 Jan 2019 03:59 PM (IST)
महिला चिकित्सालय में दो बेसिक हेल्थ वर्कर पर सात का भार, मरीज परेशान

हल्द्वानी, जेएनएन : महिला चिकित्सालय के टीकाकरण केंद्र की कहानी भी अजब-गजब है। यहां सात बेसिक हेल्थ वर्कर (बीएचडब्ल्यू) का भार सिर्फ दो वर्कर्स के कंधों पर है। आलम यह है कि अब नौनिहालों का टीकाकरण करना भी मुश्किल हो रहा है। हालांकि कुछ महिलाओं को मानदेय पर रखकर काम चलाया जा रहा है, मगर उससे काम पूरा नहीं हो पा रहा है। ऐसे में अब टीकाकरण, पोलियो और अन्य कार्यों का लक्ष्य भी अधूरा रह गया है। जबसे हेल्थ विजिटर सेवानिवृत हुई हैं तबसे केंद्र बदहाली पर हैं।

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हेल्थ विजिटर का पद भी खाली

केंद्र में हेल्थ विजिटर का पद भी मई 2018 से खाली पड़ा है। मौजूदा समय में मीरा कांडपाल और खस्ती रावत कार्यरत हैं, जिनके कंधों पर ही पूरा भार है। यह दोनों ही पूरे जिले के आफिस का भार संभाल रही हैं। स्टाफ कम होने के बावजूद इस बार करीब 4000 नौनिहालों को टीके के साथ अन्य कार्य निपटाने के लिए दे दिया गया है, जिसके चलते काम धीमी गति से हो रहा है।

बंद हो गए अर्बन सेंटर

स्टाफ कम होने से पांच शहरी स्वास्थ्य सेवा केंद्र भी बंद हो गए, जिनमें काठगोदाम, राजपुरा, मंगलपड़ाव और शनिबाजार के साथ एक अन्य हैं। काम निपटाने के लिए अब मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. भागीरथी जोशी ने चार महिलाओं को मानदेय पर रखा दिया है।

दो साल में नौनिहालों की संख्या

साल        दर्ज

2017      6182

2018      6551

भर्तियां निकलेंगे तभी स्‍टाफ पूरा किया जा सकेगा

डॉ. भागीरथी जोशी, सीएमएस, महिला अस्पताल, हल्द्वानी ने बताया कि स्टाफ की कमी के चलते पांच अर्बन केंद्र बंद कर दिए गए हैं। इसके लिए देहरादून से टेंडर प्रक्रिया की गई है। अब देहरादून से ही कुछ भर्ती निकले तो स्टाफ पूरा किया जाएगा।

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