Uttarakhand News: जानिए कुंवारी गांव को शंभू नदी से क्यों थी खतरे की आशंका, प्रशासन ने बनाया ये प्लान
गांव के पास एक झील बनने से खतरे की बात कही जा रही थी पर पांच वर्ष से यह झील बन और बिगड़ रही है। भूस्खलन के मलबे से नदी का बहाव प्रभावित हुआ है पर खतरे ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, बागेश्वर: शंभू नदी में झील पिछले चार-पांच वर्ष से बन रही है। बारिश होने से झील का पानी पिंडर नदी में चला जाता है। इस बीच कुंवारी गांव के ऊपर से भूस्खलन हो रहा है। जिसका मलबा शंभू नदी में गिर रहा है। झील में लगभग साढ़े छह क्यूसेक पानी जमा हुआ है। जिससे कुंवारी गांव को खतरा नहीं है। वहीं, कुंवारी गांव के विस्थापकों के लिए धन की व्यवस्था हो गई है। उनके पुर्नवास की तैयारी में जिला प्रशासन लगा हुआ है।
बीते मई अंत में देहरादून से एक सेटेलाइट टीम कपकोट आई थी। टीम ने शंभू नदी में बन रहे झील की जानकारी जुटाई। टीम के अनुसार झील में साढ़े छह हजार क्यूसेक पानी जमा हुआ है। लेकिन वह पानी आगे की तरफ निकल रहा है। पिंडर नदी में पानी पहुंच रहा है। झील के कारण फिलहाल किसी प्रकार का नुकसान जिले को नहीं है।
उपजिलाधिकारी कपकोट पारितोष वर्मा ने बताया कि तहसील के कुंवारी गांव के पास पिंडर की सहायक नदी शंभू है। पहाड़ से मलबा गिरने से झील बनने की सूचना थी। तहसीलदार पूजा आर्य के नेतृत्व में सिंचाई, लोनिवि, पीएमजीएसवाइ, भूगर्भवेता, आपदा प्रबंधन के मास्टर ट्रेनरों की टीम लौट आई है।
बीते पांच वर्ष से यह झील बन और बिगड़ रही है। गत वर्ष भी झील बनने की सूचना थी। बारिश होने के बाद झील का पानी पिंडर नदी में चला गया था। भूस्खलन के मलबे से नदी का बहाव थोड़ा प्रभावित हुआ है और खतरे की कोई बात नहीं है।
2013 से हो रहा है कुंवारी में भूस्खलन
कुंवारी गांव में वर्ष 2013 की आपदा के समय से ही भूस्खलन हो रहा है। मलबे से शंभू नदी में पानी जमा होने लगता है। नदी का बहाव निरंतर जारी है।
कुंवारी गांव के 18 परिवार होंगे विस्थापित
अतिसंवेदनशील रूप में चिह्नित 18 परिवारों के विस्थापित करने का धन प्रशासन के पास आ गया है और उनमें से 10-12 परिवारों ने विस्थापन शुरू भी कर दिया है। कुंवारी गांव के 70-75 परिवारों को विस्थापन के लिए चिह्नित किया गया है।
डीएम बागेश्वर विनीत कुमार ने बताया कि शंभू नदी में बनी झील की रिपोर्ट मिल गई है। झील पूरी तरह बंद नहीं है। अब तक झील में 6500 क्यूसेक पानी जमा है। सिंचाई विभाग ने करीब साढ़े नौ लाख का इस्टीमेट बना लिया है। मंगलवार से झील को खोलने का काम शुरू किया जाएगा और दो तीन दिन में उसे पूरा खोल दिया जाएगा।

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