जिसके पास नई तकनीकी का ज्ञान होगा वह आगे बढ़ जाएगा
इंटरनेट ऑफ थिंग्स पर आयोजित कार्यशाला में वक्ताओं ने कहा कि जिस व्यक्ति के पास कौशल होगा नई तकनीकी का ज्ञान होगा वह आगे बढ़ जाएगा।
हल्द्वानी, नैनीताल [जेएनएन]: भीमताल के बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ अप्लाइड साइंस के परिसर में आयोजित इंटरनेट ऑफ थिंग्स पर दो दिवसीय कार्यशाला में दुनिया भर विशेषज्ञों ने मंथन किया। वर्तमान जरूरत के अनुसार इंटरनेट के उपयोग पर चर्चा की और कहा कि जिस तरह से दुनिया में तकनीकी का विस्तार हो रहा है, इससे आमजन का जीवन आसान हो जाएगा, लेकिन तमाम नौकरियां दी जाएंगी। जिस व्यक्ति के पास कौशल होगा नई तकनीकी का ज्ञान होगा वह आगे बढ़ जाएगा।
पोलैंड के प्रो मरसिन ने इंटरनेट ऑफ थिंग्स के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि सुदूर क्षेत्र में टेक्नोलॉजी के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं को किस तरफ विस्तृत और उपयोगी बनाया जा सकता है। साथ ही प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में तकनीकी के उपयोग से जनहानि से बचाव और आपदा से निपटने के तमाम उपायों के बारे में विस्तार से चर्चा की।
रूहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली के कंप्यूटर साइंस के प्रोफेसर बृजेश कुमार ने बताया कि भारत में भी तकनीकी विस्तार की जरूरत है। अधिक से अधिक लोगों तक तकनीकी पहुंच पाएं। इसके लिए सरकार को भी और अधिक प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है। इसमें 6 देशों के 271 विषय विशेषज्ञों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए और इंटरनेट ऑफ थिंग्स विषय पर भविष्य के परिणामों के बारे में गहन मंथन किया।
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