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    शुक्र ग्रह हुआ अस्त, सात फेरों के लिए अभी करना होगा इंतजार, जानें कब से बजेंगी शहनाइयां, किस महीने कितने लग्न

    By ganesh pandeyEdited By: Rajesh Verma
    Updated: Sat, 05 Nov 2022 08:53 AM (IST)

    Know in which month how many wedding dates पंडित राम दत्त पंचांग में पहला मुहूर्त दो दिसंबर को दर्शाया गया है। इसके बाद चार सात आठ व नौ दिसंबर को शादियां हो सकेंगी। इसके बाद खरमास शुरू होने के कारण फिर से शहनाई थम जाएंगी।

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    25 नवंबर को शुक्र उदय होगा। इसके बाद ही लग्न शुरू होंगे।

    गणेश पांडे, हल्द्वानी : Know in which month how many wedding dates : चातुर्मास के चार महीने योगनिद्रा में रहने के बाद भगवान विष्णु शुक्रवार को जाग गए। शास्त्रों में इसे देव प्रबोधिनी या देवउठनी एकादशी कहा गया है। देवउठनी एकादशी से शादी, गृह प्रवेश आदि मांगलिक काम शुरू हो जाते हैं। शुक्र ग्रह अस्त होने से सात फेरों के लिए 21 दिन इंतजार करना होगा। 25 नवंबर को शुक्र उदय होगा। इसके बाद ही लग्न शुरू होंगे।

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    25 नवंबर को उदय होगा शुक्र

    ज्योतिष ग्रंथों में देवउठनी एकादशी को अबूझ मुहूर्त कहा गया है। इस दिन भगवान शालिग्राम का तुलसी के साथ विवाह होता है। यानी इस दिन बिना पंचांग देखे मांगलिक काम किए जा सकते हैं। इस परंपरा के चलते कई लोग शुक्रवार को विवाह बंधन में बंध गए। ज्योतिषाचार्य डा. नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि ग्रहों का पृथ्वी लोक पर प्रभाव रहता है। शुक्रास्त के कारण 25 नवंबर को शुक्रोदय के बाद विवाह लग्न शुरू होंगे।

    दिसंबर में चार ही मुहूर्त

    उन्होंने बताया कि हालांकि पंडित राम दत्त पंचांग में पहला मुहूर्त दो दिसंबर को दर्शाया गया है। इसके बाद चार, सात, आठ व नौ दिसंबर को शादियां हो सकेंगी। इसके बाद खरमास शुरू होने के कारण फिर से शहनाई थम जाएंगी। नए साल में 15 जनवरी को मकर संक्रांति पर सूर्य के उत्तरायण होने के बाद ही विवाह, यज्ञोपवीत आदि कार्य शुरू होंगे।

    पुनर्नवा महिला समिति की पहल पर 10 बेटियों का कन्यादान

    पुनर्नवा बहनों की पहल व सामाजिक सरोकार रखने वालों के सहयोग से शुक्रवार को 10 जोड़े वैवाहिक बंधन में बंध गए। कुमाऊंनी परिधान पिछौड़ा पहने दुल्हन गोल्ज्यू दर से अपने ससुराल के लिए विदा हुईं। हल्द्वानी, बरेली, बहेड़ी, पीलीभीत आदि की बेटियों ने कुमाऊंनी पछ्याण के साथ दांपत्य जीवन का पहला कदम बढ़ाया। हीरानगर स्थित गोल्ज्यू मंदिर में शास्त्री प्रकाश भट्ट के निर्देशन में तीन पंडितों ने हिंदू रीति-रिवाज से विवाह संपन्न कराया। समिति अध्यक्ष लता बोरा, उपाध्यक्ष यशोदा रावत, सचिव शांति जीना, जानकी पोखरिया, मंजू बनकोटी, जया बिष्ट, कल्पना रावत, प्रेमा ब्रजवासी, तुलसी रावत, अंजना बोरा, सुमित्रा प्रसाद, कुसुम बोरा आदि ने जोड़ों को आशीर्वाद दिया।