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Arthritis symptoms and treatment : गठिया में धूमपान अधिक खतरनाक, गलने लगती हैं हड्डियां

Arthritis symptoms and treatment गठिया यानी रूमेटाइड आर्थराइटिस। अगर कोई व्यक्ति इस बीमारी से पीड़ित है तो उसे तत्काल धूमपान छोड़ देना चाहिए। धूमपान से बीमारी और गंभीर हो जाती है। यहां तक कि हड्डियां गलने तक की नौबत आ जाती है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 20 Jun 2022 08:31 AM (IST)Updated: Mon, 20 Jun 2022 08:31 AM (IST)
Arthritis symptoms and treatment : गठिया में धूमपान अधिक खतरनाक, गलने लगती हैं हड्डियां
दैनिक जागरण के हैलो डाक्टर में एसटीएच के डा. परमजीत सिंह ने दिया परामर्श

जागरण संवादददाता, हल्द्वानी : गठिया यानी रूमेटाइड आर्थराइटिस। अगर कोई व्यक्ति इस बीमारी से पीड़ित है तो उसे तत्काल धूमपान छोड़ देना चाहिए। धूमपान से बीमारी और गंभीर हो जाती है। यहां तक कि हड्डियां गलने तक की नौबत आ जाती है।

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डा. परमजीत सिंह का कहना है कि बीमारी से बचाव के लिए नियमित व्यायाम के साथ ही पानी अधिक पीना होगा। डा. सिंह डा. सुशीला तिवारी अस्पताल में रूमेटाइड आर्थराइटिस के विशेषज्ञ हैं। उन्होंने रविवार को दैनिक जागरण के हैलो डाक्टर कार्यक्रम में कुमाऊं भर के लोगों को फोन के जरिये परामर्श दिया। सुधी पाठकों को बीमारी से बचाव केा लेकर जागरूक किया।

मरीजों के तमाम सवालों के जवाब में डा. सिंह ने परामर्श दिया कि वैसे तो आर्थराइटिस कई तरह के होते हैं।रूमेटाइड आर्थराइटिस होने का कारण यह है कि शरीर की इम्यूनिटी स्वस्थ कोशिकाओं को ही नुकसान पहुंचाना शुरू कर देती हैं। यह बीमारी पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में तीन गुना ज्यादा होती है।

जानें बीमारी के लक्षण

  • अंगुलियों के जोड़ों में दर्द
  • सुबह उठते समय शरीर में अकड़न
  • चलने-फिरने के बाद दर्द का कम होना
  • कई बार हड्डियों के गलने की दिक्कत

शुरुआत में इलाज कराने से बीमारी पर नियंत्रण संभव

डा. परमजीत ने बताया कि गठिया को लेकर कई बार लोग भ्रम में रहते हैं। समय पर इलाज नहीं कराते। जब बीमारी गंभीर स्थिति में पहुंच जाती है। तब इलाज कराने पहुंचते हैं। तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। उस परिस्थिति में इलाज तो किया जाता है लेकिन मरीज को बहुत अधिक लाभ नहीं मिलता। इसके चलते शरीर के दूसरे अंग फेफड़ों की झिल्ली में पानी भरना, सिकुड़ना, नसों की समस्या, आंख की समस्या, बुखार आने जैसी परेशानियां होने लगती हैं। डा. सिंह ने बताया कि गठिया के लक्षण नजर आते ही इलाज शुरू करा देना चाहिए। समय पर इलाज से बीमारी पर पूरी तरह नियंत्रण संभव है। बाद में दवाइयां बहुत कम हो जाती है।

बचाव के लिए रखें इन बातों का ध्यान

बीमारी से बचाव को लेकर डा. सिंह ने बताया कि विटामिन युक्त भोजन अधिक ग्रहण करें। हरी सब्जियां लें। पानी ज्यादा पीएं। धूमपान से दूर रहें। वजन नियंत्रित रखें। जांघों से जुड़े व्यायाम पर खास ध्यान दें। जिन लोगों को यूरिक एसिड बढ़ता है, ऐसे लोग मांस-मदिरा व वसायुक्त भोजन से दूरी बना लें। गुर्दें के रोगियों को अधिक पानी पीने की सलाह नहीं दी जाती है। इसलिए डाक्टर से परामर्श लें।

दर्द की दवाइयां बेहद नुकसानदेह

डा. सिंह बताते हैं, गठिया के मरीज अक्सर लंबे समय तक दर्द की दवा सेवन करते रहते हैं। इससे बीमारी तो ठीक होती नहीं, बल्कि किडनी खराब हो जाती है। बाद में ऐसे मरीजों की डायलिसिस कराने की नौबत आ जाती है। वहीं डाक्टर का कहना है की गर्मी के मौसम में दर्द की दवाइयां और भी कम ली जानी चाहिए।

इन्हेांने लिया परामर्श

रुद्रपुर से सपना शर्मा, कालाढूंगी से नंदी देवी, बाजपुर से जुबेर, कुलदीप शर्मा, जार्ज, कोटाबाग से पूरन चंद्र भट्ट, कपकोट से बहादुर सिंह, नैनीताल से रवि, पिथौरागढ़ से सपना, हल्दूचौड़ से गोपाल दत्त जोशी, गड़ाई गंगोली से हरीश चंद्र, डीडीहाट से शिवानी, बिंदुखत्ता से एलएस जग्गी, हल्द्वानी से सुरेश जोशी, मीरा देवी आदि ने परामर्श लिया।


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