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    कांटेदार किलमोड़ा का जूस बना रोजगार का जरिया, देश-विदेश से आ रही मांग NAINITAL NEWS

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Tue, 02 Jul 2019 09:45 AM (IST)

    जड़ से लेकर टहनियों तक कांटों से घिरा किलमोड़ा का पेड़ रोजगार का जरिया बन सकता है यह किसी ने सोचा भी नहीं होगा। जनपद के धारी ब्लॉक में इसका जूस तैयार किया जा रहा है।

    कांटेदार किलमोड़ा का जूस बना रोजगार का जरिया, देश-विदेश से आ रही मांग NAINITAL NEWS

    हल्द्वानी, जेएनएन : जड़ से लेकर टहनियों तक कांटों से घिरा किलमोड़ा का पेड़ रोजगार का जरिया बन सकता है यह किसी ने सोचा भी नहीं होगा। जनपद के धारी ब्लॉक में इसका जूस तैयार किया जा रहा है। एक माह पूर्व शुरू हुआ प्रोजेक्ट काफी सराहा जा रहा है। स्थानीय महिलाओं को इससे रोजगार भी मिला है। जूस 400 रुपये प्रति लीटर तक बिक रहा है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश के अलावा विदेश से भी इसकी डिमांड आ चुकी है।

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    अलख स्वायत्त सहकारिता नामक संस्था ने मई में धारी से तीन किमी दूरी पर स्थित मझेड़ा गांव में कार्यालय खोल इस काम को शुरू किया। सहकारिता के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पंकज बिष्ट ने बताया कि किलमोड़ा के फल बीनने के बाद अभी तक 80 लीटर जूस बनाया जा चुका है। मझेड़ा, पोखराड़, गजार, चखुटा, बुराशी, पोल, धानाचूली, सुंदरखाल, बना व तुनकिया गांव की महिलाएं रोजमर्रा के काम से फुर्सत मिलने पर परिवार समेत फल बीनकर लाती है। 100 रुपये प्रति किलो के हिसाब से उन्हें पैसे दिए जाते हैं। शुगर फ्री जूस 399 व दूसरा 250 प्रति लीटर के हिसाब से मार्केट में बिक रहा है।

    जड़, तना सब उपयोगी 

    झाड़ीनुमा प्रजाति का किलमोड़ा औषधीय गुणों से भरपूर है। जड़, तना, पत्ती व फल सब काम के हैं।  एंटी डायबिटिक, एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटी वायरल व एंटी बैक्टीरियल तत्व इसमें मौजूद हैं। शुगर लेवल कंट्रोल करने में यह कारगर माना जाता है।

    खेत की सुरक्षा व पैसा दोनों

    पहाड़ का काश्तकार किलमोड़ा की झाडिय़ों को नष्ट करता है। जबकि इसके इस्तेमाल से दो फायदे होंगे। खेत के चारों तरफ बाउंड्री वॉल के तौर पर लगाकर जंगली जानवरों के नुकसान से बचा जा सकता है। साथ ही फल बेचकर पैसे मिलेंगे।