किडनैप पार्षद गाजियाबाद से बरामद, अपहरणकर्ताओं की तलाश में जुटी पुलिस nainital news
कांग्रेस के किडनैप पार्षद को पुलिस ने यूपी पुलिस की मदद से गाजियाबाद से बरामद कर लिया है। जबकि अपहरणकर्ता पुलिस को चकमा देकर भागने में कामयाब रहे।
रुद्रपुर, जेएनएन : कांग्रेस के अपह्त पार्षद को पुलिस ने यूपी पुलिस की मदद से गाजियाबाद से बरामद कर लिया है। जबकि अपहरणकर्ता पुलिस को चकमा देकर भागने में कामयाब रहे। पुलिस ने बरामद पार्षद को परिजनों के सुपुर्द कर अपहरणकर्ताओं की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस अधिक ारियों के मुताबिक जल्द ही गिरोह को चिह्नित कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
कॉल कर मांगी थी 20 लाख की फिरौती
प्रीत विहार निवासी कांग्रेस पार्षद और उप नेता प्रतिपक्ष अमित मिश्रा 15 जनवरी की रात संदिग्ध हालात में लापता हो गए थे। एसएसपी बरिंदरजीत सिंह ने बताया कि देर रात एक नंबर से अमित की मां सर्वेश मिश्रा को कॉल आई। कॉलर ने अमित को अगवा करने की बात कहते हुए 20 लाख की फिरौती मांगी थी। पुलिस ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी थी। अपहरणकर्ताओं की धरपकड़ को पुलिस ने एसपी सिटी देवेंद्र पिंचा और एसपी क्राइम प्रमोद कुमार के नेतृतव में पश्चिमी उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद, संभल समेत अन्य स्थानों पर दबिश देनी शुरू कर दी थी।
दबाव से अपहरणकर्ताओं का मनोबल टूटा
एसएसपी बरिंदरजीत सिंह ने बताया कि पुलिस फोर्स की कार्रवाई को देखते हुए अपहरणकर्ताओं के मनोबल टूटने लगा। उन्हें पता चल गया था कि अपह्त पार्षद के साथ अप्रिय घटना करके बचना मुश्किल है। पुलिस का दबाव को देखते हुए उन्होंने शनिवार की देर रात अपह्त पार्षद अमित मिश्रा को पीवीआर मॉल, राजनगर एक्सटेंशन, गाजियाबाद के पास छोड़ दिया। जहां अमित ने ने एक कैब चालक के फोन से अपने मित्र को कॉल किया। इसके बाद पुलिस ने राजनगर एक्सटेंशन पहुंचकर अमित को बरामद कर लिया। एसएसपी बरिंदरजीत सिंह ने बताया कि अपह्त पार्षद को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है। फरार अपहरणकर्ताओं की तलाश की जा रही है। इसके लिए पुलिस टीम जुटी हुई है। बताया कि जल्द ही अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
प्रीत बिहार से बलेनो कार से छह लोगों ने किया था अपहरण
पुलिस के मुताबिक कांग्रेसी पार्षद अमित मिश्रा को अगवा करने वाले छह बदमाश बेहद शातिर थे। अपहरण की घटना को अंजाम देने के दौरान अपहरणकर्ता बलेनो कार में थे। प्रीत विहार में जैसे ही अमित मिला उन्होंने उसे घेर लिया और मारपीट कर कार मेें डाल दिया। इसके बाद उसे नशीला पदार्थ देकर बेहोश कर दिया था। मामले में पुलिस का दबाव पड़ा तो बदमाश गाजियाबाद में उसे छोड़कर फरार हो गए।
गाजियाबाद में दो संदिग्ध से चल रही पूछताछ
पुलिस की टीम फरार बदमाशों की तलाश कर रही है लेकिन गिरोह से जुड़े दो संदिग्ध लोग पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं। बताया जा रहा है कि अपहरण करने वाला गिरोह पश्चिमी उत्तर प्रदेश का है। पुलिस हिरासत में लिए गए दोनों संदिग्धों से अपहरणकर्ताओं के संबंध में पूछताछ कर गिरोह को चिह्नित कर रही है। पुलिस जल्द ही उनकी गिरफ्तारी कर आरोपितों के नाम का खुलासा कर सकती है।
कोड वर्ड में करते थे बात, तीन दिनों तक बेहोश कर रखा था
पार्षद को अगवा करने वाले बदमाश कोड वर्ड में बात करते थे। तीन दिन तक उसे बेहोशी की दवा देकर बेहोश कर रखा था। उसने केवल एक ही शब्द सुना था कि इतनी पुलिस टीम कभी नहीं देखी। रविवार को पुलिस ने अगवा पार्षद अमित को बरामद कर परिजनों के सुपुर्द कर दिया था। अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छूटा पार्षद अमित बेहद सहमा हुआ है। इससे पहले अमित ने कोतवाली में बताया कि उसे अपहरण करने वाले बदमाशों की संख्या छह थी और कार में थे। पहले दिन उससे मारपीट की गई। इसके बाद उसे नशीला पदार्थ खिलाकर बेहोश कर दिया। इस बीच जब भी उसे होश आता तो उसने अपहरणकर्तओं को आपस में बात करते नहीं सुना। केवल कोड वर्ड का इस्तेमाल करते थे, कभी कभार में अपने गिरोह के सरगना के लिए बॉस शब्द का प्रयोग करते थे। बताया कि जब पुलिस अपहरणकर्ताओं के करीब पहुंची तो वे लोग बोल रहे थे कि इतनी फोर्स कभी नहीं देखी।
लोकल कनेक्शन तक पहुंचेगी पुलिस
पार्षद अमित मिश्रा का अपहरण लोकल कनेक्शन के बिना संभव नहीं था। ऐसे में पुलिस अधिकारियों का कहना है कि लोकल कनेक्शन की भी जांच की जाएगी। इससे पहले पुलिस अपहरण करने वाले गिरोह को चिह्नित कर उनकी गिरफ्तारी करेगी। इसके बाद अपहरणकर्ताओं से पूछताछ कर पुलिस उनके लोकल कनेक्शन तक पहुंचेगी।
फिरौती की रकम मांगने को लूटा था मोबाइल
पार्षद का अपहरण की फिरौती मांगने के लिए अपहरणकर्ताओं ने लूटा हुआ मोबाइल का प्रयोग किया था। एसएसपी बङ्क्षरदरजीत ङ्क्षसह ने बताया कि अमित को अगवा करने के बाद उन्होंने उसके परिजनों को फोन कर 20 लाख की फिरौती मांगी थी। जब पुलिस ने जांच की तो पता चला कि फिरौती मांगने के लिए इस्तेमाल किया गया मोबाइल फोन भी लूट का था।
नहीं ले सके फिरौती की रकम
पार्षद को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाने के लिए परिजन 10 लाख रुपये भी ले गए थे। फिरौती की रकम प्राप्त करने के लिए उन्होंने कई प्रयास किए। लेकिन पुलिस की घेराबंदी और उपस्थिति के चलते वह फिरौती लेने के अपने मंसूबों पर कामयाब नहीं हो सकी। बाद में मजबूर होकर उसे बिना फिरौती लिए ही छोड़ दिया था।
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