कटर से कार को काटकर अमित का शव निकालने में लग गए एक घंटे, जिसने भी देखा नम हो गईं आंखे
किच्छा में दो कारों की आमने-सामने भिड़ंत में पति-पत्नी की मौत हो गई जबकि दो बच्चे गंभीर रूप से घायहल है। हादसे के बाद अमित का शव बुरी तरह से चालक सीट पर फंस गया था। शव निकालने में पुलिस को एक घंटे लग गए ।

जागरण संवाददाता, किच्छा : बाइक सवार अमित सक्सेना और उसकी पत्नी दीप्ती के लिए काल बन कर आया। दुर्घटना के बाद वो तो साफ बच गया और उसका कुछ पता भी नहीं चल पाया। दोनों कारों में टक्कर की भीषणता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमित का शव कार में ही फंस गया। पुलिस को कार से शव बाहर निकालने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। जब शव बाहर नहीं निकल पाया तो कटर का सहारा ले लगभग एक घंटे बाद शव को कार से बाहर निकाला जा सका।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बाइक सवार के अचानक सामने आ जाने के कारण कार चला रहे अमित सक्सेना ने बाइक सवार को तो बचा लिया पर सामने से आती कार से टक्कर हो गई। जिसके बाद अमित की कार अनियंत्रित होकर सड़क से करीब आठ फीट नीचे खंती में चली गई वहीं दूसरी कार का रुख हल्द्वानी से मुड़ कर बरेली की तरफ हो गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने आगे की सीट पर बैठी अमित की पत्नी दीप्ती व पीछे बैठे बच्चों के साथ ही दूसरे वाहन के घायल चालक को बाहर निकाल सीएचसी किच्छा पहुंचा दिया।
अमित का शव बुरी तरह से चालक सीट पर ही फंस गया था। पहले पुलिस ने सब्बल फंसा कर अंदर घुस चुकी कार की बॉडी को खींचने का प्रयास किया, पर उसके बाद भी धड़ तो दूसरी तरफ की सीट से बाहर निकाल लिया गया, पर पैर कार में ही फंसे होने के कारण शव बाहर नहीं निकाला जा सका। जिस पर पुलिस ने कटर मंगवा कर कार की बॉडी को कटवा कर शव बाहर निकालने के बाद उसे सीएचसी किच्छा पहुंचाया। शव निकालने की प्रक्रिया में पुलिस को लगभग एक घंटे का समय लग गया।
कटर के लिए बैटरी का इंतजाम करने में छूटे पसीने
कटर लेकर जब काटने वाला मौके पर पहुंचा तो कार की बैटरी के काम न करने पर मशीन नहीं चल पाई। जिससे दूसरी समस्या पैदा हो गई। उसके बाद पुलिस ने वहां से गुजर रहे वाहनों को रोक कर किसी तरह उसकी बैटरी से कटर को चलाने का प्रबंध किया तब जाकर शव बाहर निकाला जा सका।
दुर्घटना के बाद लगा जाम
दुर्घटना के बाद हल्द्वानी मार्ग पर लंबा जाम लग गया। एक तरफ अमित सक्सेना का शव कार से निकालना मुश्किल हो रहा था। वहीं वाहनों की लंबी कतार को कम करने के लिए भी पुलिस कर्मी जूझते दिखाई दिए। पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद जाम को खुलवाने के बाद यातायात सुचारु करवाया।
चाचा की बरसी में आयोजित कार्यक्रम के लिए जा रहे थे बरेली
अमित सक्सेना के चाचा जगदीश चंद्र सक्सेना का गत वर्ष 7 मई को देहांत हो गया था। उनकी बरसी पर बरेली महानगर में कार्यक्रम आयोजित किया गया था। अमित अपने परिवार के साथ उनके बरसी कार्यक्रम में ही भाग लेने जा रहा था। पर घर से निकलते ही वह काल का ग्रास बन गया।
कार में एयरबैग होते तो बच सकती थी जान
महेंद्रा मराजो कार काफी मजबूत होने के बाद भी कार का अगला पहिया भ्रष्ट हो गया था और इंजन का हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया। दोनों वाहनों की टक्कर के बाद मराजो के तो एयर बैग खुल गए जिससे उसके चालक के सिर्फ पैर में चोट आई। वहीं अमित सक्सेना की कार में एयर बैलून होता तो अमित व दीप्ती की जान बच सकती थी।

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