अनुराधा नक्षत्र में पहुंचा केतु, अगले आठ माह में दिखेंगे बड़े राजनैतिक बदलाव
केतु ग्रह ज्येष्ठा नक्षत्र से निकलकर शनि के नक्षत्र अनुराधा में आ गया है। अगले आठ माह तक केतु की अनुराधा नक्षत्र में मौजूदगी रहेगी। केतु की चाल में बद ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : केतु ग्रह ज्येष्ठा नक्षत्र से निकलकर शनि के नक्षत्र अनुराधा में आ गया है। अगले आठ माह तक केतु की अनुराधा नक्षत्र में मौजूदगी रहेगी। केतु की चाल में बदलाव का असर राजनैतिक व प्राकृतिक बदलाव के साथ राशियों पर दिखाई देगा। ज्योतिषाचार्य डा. नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र में केतु को क्रूर ग्रह माना जाता है। केतु ग्रह अध्यात्म, वैराग्य व मोक्ष का कारक ग्रह है।
डा. जोशी ने बताया कि केतु ग्रह का नक्षत्र परिवर्तन महामारी निवारण के नजरिये से शुभ संकेत है। इससे बीमारियों के संक्रमण से राहत मिलेगी। राजनैतिक लिहाज से अगले आठ महीने बदलाव के होने की संभावना है। वहीं, बरसात में कुछ जगह प्राकृतिक आपदा की घटनाएं हो सकती है। खंडवृष्टि यानी असमान बारिश देखने को मिल सकती है।
राक्षस से हुई राहु व केतु की उत्पत्ति
राहु व केतु की उत्पति का पुराणों में उल्लेख मिलता है। केतु ग्रह को स्वरभानु राक्षस का धड़ व सिर के भाग को राहु कहा जाता है। कोई वास्तविक रूप या आकार नहीं होने से इसे छाया ग्रह कहा जाता है। ज्योतिषी डा. नवीन चंद्र बेलवाल ने बताया कि इस समय केतु ग्रह वृश्चिक राशि में है। इस पूरे साल केतु इसी राशि में रहेगा। जिससे मिथुन, कन्या व मकर राशि वाले लोगों के लिए अच्छा समय रहेगा। इन राशि वालों को नौकरी व व्यापार में फायदा होगा। रुके हुए जरूरी काम पूरे होंगे। इससे खुद में व परिवार में खुशी का माहौल रहेगा। अचानक यात्रा करनी पड़ सकती है। अन्य राशि वाले जातकों को सेहत को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। नौकरी, व्यापार में मन लगाना होगा।

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