कल की रात होगी बेहद खास, आसमान में दिखेगा खूबसूरत नजारा, धरती के बेहद करीब आ रहा यह ग्रह
Jupiter close to Earth बृहस्पति पृथ्वी के बेहद करीब पहुंचने जा रहा है। इस खगोलीय घटना में सूर्य के विपरीत दिशा में बृहस्पति ग्रह विराजमान होगा। सोमवार को सूर्य अस्त और विपरीत दिशा में बृहस्पति उदय हो रहा होगा। यह नजारा बेहद दर्शनीय होगा।
जागरण संवाददाता नैनीताल: Jupiter close to Earth : अंतरिक्ष की गतिविधियों में दिलचस्पी रखने वालों के लिए सोमवार की रात खास होने जा रही है। बृहस्पति (जुपिटर) पृथ्वी के बेहद करीब पहुंचने जा रहा है। इस खगोलीय घटना में सूर्य के विपरीत दिशा में बृहस्पति ग्रह विराजमान होगा। इस घटना के दौरान पृथ्वी व बृहस्पति की दूरी 5.91 करोड़ किमी रहेगी।
आकार में बृहस्पति पृथ्वी से 11 गुना बड़ा
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) नैनीताल के वरिष्ठ खगोल विज्ञानी डा. शशिभूषण पांडेय ने बताया कि गुरु यानी बृहस्पति सौर मंडल का पांचवां ग्रह है, जबकि पृथ्वी सूर्य से तीसरे स्थान का ग्रह है। सामान्य दिनों में बृहस्पति धरती से 74.15 करोड़ किमी दूर होता है। आकार में बृहस्पति पृथ्वी से 11 गुना बड़ा है।
सूर्य होगा अस्त तो बृहस्पति का होगा उदय
सोमवार को सूर्य अस्त और विपरीत दिशा में बृहस्पति उदय हो रहा होगा। यह नजारा बेहद दर्शनीय होगा। नजदीक होने के कारण इसकी चमक काफी अधिक नजर आएगी। इसी चमक से इसे पहचान पाना आसान होगा। बृहस्पति ग्रह करीब 13 महीने बाद पृथ्वी के करीब पहुंचता है। इस घटना को अपोजिशन कहते हैं। इसके बाद दो नवंबर 2023 को और सात दिसंबर 2024 को यह हमारे करीब होगा।
नासा का यान डार्ट आज भिड़ेगा क्षुद्रग्रह डिडिमोस से
नासा के मिशन डार्ट के तहत अंतरिक्ष यान क्षुद्रग्रह डिडिमोस व डिडिमोस-बी का मार्ग बदलने जा रहा है। 24 नवंबर 2021 को इस यान को लांच किया गया था। लंबी यात्रा तय करने के बाद यान डिडिमोस के करीब पहुंच चुका है। नासा का यह पहला ग्रह रक्षा परीक्षण मिशन है। जिस पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं।
क्षुद्रग्रह की दिशा बदलना है लक्ष्य
डार्ट का लक्ष्य क्षुद्रग्रह डिडिमोस की दिशा बदलना है। यह दो क्षुद्रग्रह हैं। जिसमें एक का आकार 2,500 फीट (780 मीटर) व्यास का है। इसका साथी डिडिमोस-बी 525 फीट (160 मीटर) व्यास है। 1996 में इन दोनों क्षुद्रग्रह का पता चला था। खास बात यह है कि डिडिमोस-बी करीब एक किलोमीटर से अधिक की दूरी पर अपने से बड़े आकर के डिडिमोस की परिक्रमा करता है। जिसे एक चक्कर पूरा करने में लगभग 12 घंटे का समय लगता है। इस मिशन में नासा का यान डिडिमोस-बी को अपनी नियमित कक्षा से दूर धकेलेगा और बड़े क्षुद्रग्रह डिडिमोस का मार्ग बदल जाएगा और वह एक नए रास्ते में चल पड़ेगा।