कॉर्बेट में भ्रमण के लिए नहीं मिल पा रही जिप्सियां, हाथ में परमिट लेकर भटक रहे पर्यटक
भले ही सरकार पर्यटन को बढ़ावा दे रही है लेकिन कॉर्बेट पार्क में आने पर पर्यटक परेशान हो रहे हैं। ऑनलाइन एडवांस बुकिंग कराने के बाद भी उसे कॉर्बेट में भ्रमण के लिए जिप्सियां तक नही
रामनगर, जेएनएन : भले ही सरकार पर्यटन को बढ़ावा दे रही है, लेकिन कॉर्बेट पार्क में आने पर पर्यटक परेशान हो रहे हैं। ऑनलाइन एडवांस बुकिंग कराने के बाद भी उसे कॉर्बेट में भ्रमण के लिए जिप्सियां तक नहीं मिल रही हैं। हाथ में परमिट लेकर पर्यटक जिप्सी के लिए भटक रहे हैं, लेकिन बेपरवाह कॉर्बेट प्रशासन को इससे कोई मतलब नहीं है।
कॉर्बेट पार्क के ढिकाला, बिजरानी, झिरना, ढेला व दुर्गादेवी पर्यटन जोन में भ्रमण के लिए पर्यटकों को ऑनलाइन बुकिंग करानी पड़ती है। ऑनलाइन बुकिंग कराने के बाद उन्हें जिप्सियां प्राइवेट लेनी पड़ती हैं। कॉर्बेट में भ्रमण कराने के लिए विभाग द्वारा जिप्सी मालिकों को अपने यहां पंजीकरण कराकर परमिट जारी किए गए हैं। मोटा मुनाफा कमाने के लिए जिप्सी स्वामी कॉर्बेट में पंजीकरण होने के बाद भी दूसरे क्षेत्र सीतावनी जोन में भ्रमण के लिए पर्यटकों को ले जा रहे हैं। इससे कॉर्बेट आने वाले कई पर्यटकों को जिप्सियां आसानी से नहीं मिल रही हैं। जिन्हें मिल भी रही हैं उनसे तय शुल्क से ज्यादा पैसे की मांग की जा रही है। कॉर्बेट प्रशासन अपने यहां पर्यटकों से बुकिंग कराकर राजस्व तो बटोर रहा है, लेकिन इसके बाद उन्हें भ्रमण के लिए भेजने की कोई व्यवस्था वह नहीं कर पा रहा है। ऐसे में लोग कार्यालय के बाहर भटकने को मजबूर हैं। कॉर्बेट जिप्सी यूनियन के अध्यक्ष मदन जोशी का कहना है कि वह विभाग से जिप्सियों को रोटेशन सिस्टम से भेजने की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन विभाग चुप्पी साधे हुए है। पार्क वार्डन शिवराज चंद्र ने बताया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। कोई शिकायत आएगी कार्रवाई की जाएगी।
जज को भी नहीं मिली थी जिप्सी
पिछले साल परिवार के साथ बाहर से आए एक जज को भी कॉर्बेट जाने के लिए जिप्सी नहीं मिल पाई। काफी इंतजार के बाद बिना कॉर्बेट घूमे ही वापस लौट गए थे। इसके बाद भी विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की।
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