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    Jamrani Dam Project की जद में आ रही उत्‍तराखंड की 350 हेक्‍टेयर वनभूमि, काटे जाएंगे 4000 पेड़

    Jamrani Dam Project जमरानी बांध के निर्माण का बड़ा हिस्सा वनभूमि से जुड़ा है। वन विभाग की 350 हेक्टेयर जमीन का इस्तेमाल इसके लिए होगा। जमरानी बांध के निर्माण में 350 हेक्टेयर वनभूमि और 50 हेक्टेयर निजी जमीन का इस्तेमाल होगा। बांध से जुड़े मुख्य निर्माण कार्य का दायरा करीब 50 हेक्टेयर है। यहां झाड़ी व अन्य प्रजाति के अधिकतम चार हजार पेड़ हैं।

    By govind singh Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sun, 16 Jun 2024 03:33 PM (IST)
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    Jamrani Dam Project: फायर सीजन बाद होगी पूरी गिनती

    जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : Jamrani Dam Project: जमरानी बांध के निर्माण का बड़ा हिस्सा वनभूमि से जुड़ा है। वन विभाग की 350 हेक्टेयर जमीन का इस्तेमाल इसके लिए होगा। बांध से जुड़े मुख्य निर्माण कार्य का दायरा करीब 50 हेक्टेयर है।

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    यहां झाड़ी व अन्य प्रजाति के अधिकतम चार हजार पेड़ हैं। सर्वे पूरा हो चुका है। इसलिए काम शुरू होने में ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी, लेकिन अभी बड़े हिस्से में नए सिरे से पेड़ों की गणना बाकी है। फायर सीजन से निपटते ही वन विभाग इस कार्य में जुट जाएगा।

    नए सिरे से पेड़ों की गणना बाकी

    जमरानी बांध के निर्माण में 350 हेक्टेयर वनभूमि और 50 हेक्टेयर निजी जमीन का इस्तेमाल होगा। छह गांवों से जुड़ी इस निजी भूमि पर भविष्य में दस किमी लंबी झील नजर आएगी, जिसमें बांध की जरूरत का पानी स्टोर किया जाएगा। ऐसे में इस क्षेत्र के अधिकांश पेड़ भविष्य में जलमग्न हो जाएंगे।

    हालांकि, मुख्य बांध के अलावा कई अन्य काम भी यहां होने हैं। कंपनी का चयन हो चुका है। संभावना है कि जल्द कार्य अनुबंध होने पर काम की शुरुआत भी हो जाएगी। ऐसे में वन विभाग को 350 हेक्टेयर से जुड़े क्षेत्र में पेड़ों की स्थिति का आंकलन करना है।

    वर्तमान में फायर सीजन के कारण जंगलों को आग से बचाए रखना महकमे के लिए बड़ी चुनौती है। लिहाजा, इसके बाद ही यह प्रक्रिया शुरू होगी।

    संभव पेड़ों का ही होगा कटान

    बांध के लिए प्रस्तावित जमीन की भौगोलिक परिस्थिति के हिसाब से ही वन निगम के माध्यम से वन विभाग पेड़ों का कटान कराएगा। खड़ी पहाड़ी की तरफ के पेड़ों का कटान संभव नहीं होगा।