Uttarakhand News: सेना में मिले हुनर से युवाओं को रोजगार के पंख दे रहे बागेश्वर के जगदीश
बागेश्वर के जगदीश जोशी सेना से सेवानिवृत्त होकर युवाओं को पैराग्लाइडिंग का प्रशिक्षण दे रहे हैं। उन्होंने सेना में मिले हुनर से 250 से अधिक युवाओं को आत्मनिर्भर बनाया है। जगदीश आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं को मुफ्त प्रशिक्षण देते हैं जिससे कई युवाओं को रोजगार मिला है। उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए राज्यपाल ने उन्हें सम्मानित किया।

नरेश कुमार, नैनीताल। सेना अनुशासन सिखाती है और देशभक्ति का जज्बा पैदा करती है। 17 कुमाऊं रेजीमेंट में नायक पद पर रहे जगदीश जोशी सेवानिवृत्त होने के बाद भी पहाड़ के युवाओं को स्वरोजगार से आत्मनिर्भर बना रहे हैं।
नौ साल पूर्व सेवानिवृत्ति के बाद सेना में मिले पैराग्लाइडिंग के हुनर से वह आज युवाओं को प्रशिक्षित कर रहे हैं। उनके प्रयास को राज्यपाल प्रशंसा पत्र से सम्मानित किया गया है।
बागेश्वर निवासी सेवानिवृत्त नायक जगदीश जोशी ने बताया कि 2016 में वह सेवानिवृत्त हो गए। सेवाकाल के दौरान वह सेना में पैराग्लाइडर थे। वापस घर लौटने के बाद उन्होंने साहसिक पर्यटन की राह चुनी। स्वयं के 15 लाख रुपये लगाकर पैराग्लाइडर खरीदे और युवाओं को पैराग्लाइडिंग का प्रशिक्षण देना शुरू किया।
वह क्षेत्र में साहसिक पर्यटन इकाई के रूप में कार्य कर आज दस युवाओं को रोजगार दे रहे हैं। साथ ही नौ वर्षों में 250 से अधिक युवाओं को पैराग्लाइडर उड़ाने का प्रशिक्षण दे चुके हैं।
अब तक बागेश्वर तक सीमित प्रशिक्षण कार्यक्रम को वह अल्मोड़ा में भी प्रसारित करना चाहते हैं। राजभवन में मिले सम्मान को उन्होंने हौसला बढ़ाने वाला कहा। सेना में रहकर हर जवान में नेतृत्व करने की क्षमता होती है। सेवानिवृत्ति के बाद भी जवान सामाजिक क्षेत्र में भागीदारी बढ़ाकर समाज को नई दिशा दे सकता है।
जिले की पहली महिला पैराग्लाइडर बनाने का गौरव
जोशी अब तक 250 से अधिक युवाओं को पैराग्लाइडिंग का प्रशिक्षण दे चुके हैं। उनसे सीखने वाले युवा आज भीमताल, शिमला व अन्य राज्यों में यही उद्यम कर रहे हैं। आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं को वह निश्शुल्क प्रशिक्षण देते हैं, जिसमें महिलाए भी शामिल हैं। उनसे सीखकर ही 2024 में स्नेहा परिहार बागेश्वर जिले की पहली महिला पैराग्लाडर बनी।
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