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जुलाई 2017 के बाद की टैक्सियों को नैनीताल में प्रतिबंधित करने का मामला विधानसभा में गूंजा

तीन जुलाई 2017 के बाद खरीदे गए टैक्सी व अन्य व्यावसायिक वाहनों के नैनीताल में पाबंदी के हाईकोर्ट के आदेश में संशोधन को लेकर विधानसभा में आवाज उठाई गई है। नैनीताल विधायक संजीव आर्य ने सरकार से लोक महत्व के इस मामले के समाधान की अपेक्षा की है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 23 Dec 2020 07:47 AM (IST)Updated: Wed, 23 Dec 2020 07:33 PM (IST)
जुलाई 2017 के बाद की टैक्सियों को नैनीताल में प्रतिबंधित करने का मामला विधानसभा में गूंजा
जुलाई 2017 के बाद की टैक्सियों को नैनीताल में प्रतिबंधित करने का मामला विधानसभा में गूंजा

नैनीताल, जागरण संवाददाता : तीन जुलाई 2017 के बाद खरीदे गए टैक्सी व अन्य व्यावसायिक वाहनों के नैनीताल में पाबंदी के हाईकोर्ट के आदेश में संशोधन को लेकर विधानसभा में आवाज उठाई गई है। नैनीताल विधायक संजीव आर्य ने इस मामले में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश करते हुए सरकार से लोक महत्व के इस मामले के समाधान की अपेक्षा की है।

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नैनीताल हाईकोर्ट ने नैनीताल से संबंधित जनहित याचिका पर नैनीताल में नए वाहनों के संचालन पर पाबंदी लगा दी थी। परिवहन विभाग ने इस आदेश का क्रियान्वयन करते हुए 2017 से जारी हो रहे परमिट में नैनीताल प्रतिबंधित की मोहर लगाना आरम्भ कर दिया। नैनीताल में करीब 600 से अधिकांश टैक्सियां हैं। उनके परिवार की आजीविका पूरी तरह इस पर निर्भर है। नियमानुसार परमिट नौ साल के लिए प्रभावी होता है, यदि यह प्रतिबंध जारी रहा तो 2024 में नैनीताल के स्थानीय टैक्सी कारोबारी पूरी तरह बेरोजगार हो जाएंगे।

विधायक ने सवाल उठाते हुए कहा है कि नैनीताल नगर में टैक्सी, ट्रेवल्स व्यवसाय से हज़ारों लोग जुड़े हैं। इस प्रतिबंध से हजारों परिवारों की आजीविका प्रभावित हो रही है और पर्यटन को भी नुकसान हो रहा है। मांग की गई है कि सरकार इस समस्या का वैकल्पिक समाधान तलाशे।

इधर टेक्सी ट्रेवल्स एशोसिएशन के अध्यक्ष नीरज जोशी ने विधानसभा में यह ज्वलंत सवाल उठाने पर विधायक का आभार जताते हुए उम्मीद जताई है कि अब सरकार जरूर इस मामले के समाधान को लेकर संजीदा होगी। उन्होंने कहा कि एशोसिएशन इस समस्या के लिए राज्य सरकार के परिवहन मंत्री, मुख्यमंत्री, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति तक को ज्ञापन भेजा।


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