केएमवीएन-जीएमवीएन के एकीकरण पर मुहर, उत्तराखंड पर्यटन विकास निगम कंपनी के अधीन होंगे होटल-गेस्ट हाउस
Integration of KMVN and GMVN कुमाऊं मंडल विकास निगम व गढ़वाल मंडल विकास निगम अब एक होंगे। निगम के होटल-गेस्ट हाउस का संचालन अब एक छत के नीचे उत्तराखंड पर्यटन विकास निगम कंपनी करेगी। केएमवीएन निदेशक मंडल ने उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है।
नैनीताल, जागरण संवाददाता : Integration of KMVN and GMVN : कुमाऊं मंडल विकास निगम व गढ़वाल मंडल विकास निगम अब एक होंगे। निगम के होटल-गेस्ट हाउस का संचालन अब एक छत के नीचे उत्तराखंड पर्यटन विकास निगम कंपनी करेगी। केएमवीएन निदेशक मंडल ने उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। मंडल ने साफ किया है कि इससे केएमवीएन पर असर नहीं पड़ेगा, इसका स्वतंत्र अस्तित्व बना रहेगा। बताया कि यह कंपनी आउटसोर्स एजेंसी का भी काम करेगी और कार्मिकों की कमियां भी दूर करेगी।
सोमवार को टीआरसी सूखाताल के सभागार में चेयरमैन केदार जोशी की अध्यक्षता में हुई बैठक में विभिन्न प्रस्तावों पर व्यापक चर्चा के बाद इसे मंजूरी प्रदान की गई। एमडी रोहित मीणा ने बताया कि केएमवीएन-जीएमवीएन के एक छत के नीचे आने से देशभर के शहरों में संचालित पीआरओ कार्यालयों पर सालाना किए जा रहे 70 लाख से एक करोड़ तक के खर्च की बचत होगी। यूकेडीडीसी कंपनी ही दोनों निगमों की वेबसाइट का संचालन करेगी।
पर्यटन विकास परिषद की ओर से इस संबंध में प्रस्ताव मांगा गया था। निगम के नैनीताल, अल्मोड़ा समेत अन्य स्थानों के चुनिंदा 16 पर्यटक आवास गृहों में तीन सितारा सुविधाएं जुटाई जाएंगी। उपाध्यक्ष रेनू अधिकारी ने कर्मचारियों से संबंधित मामलों पर प्राथमिकता से कार्रवाई पर जोर दिया। इस दौरान 37 अधिकारी-कर्मचारियों की पदोन्नति तथा कर्मचारियों के चिकित्सकीय बिलों की प्रतिपूर्ति पर मुहर भी लगाई गई। बैठक में सदस्य तारादत्त पाण्डे, कुंदन बिष्टï समेत अधिकारी मौजूद थे।
पार्किंग की छत पर बनेगा क्राफ्ट सेंटर व फूड कोर्ट
बैठक में सूखाताल में केएमवीएन की पार्किंग की पहली मंजिल पर फूड कोर्ट व क्राफ्ट सेंटर बनाने को हरी झंडी दी गई। एमडी रोहित मीणा ने बताया कि 20 हजार वर्ग मीटर की छत पर 35 दुकानें बनेंगी, जिसमें 25 फूड की दुकानें पांच लाख प्रीमियम के तहत मासिक 10-12 हजार रुपये में किराए पर दी जाएंगी। 13 जिलों के लिए 13 क्राफ्ट सेंटर भी बनाए जाएंगे, जिसमें अलग-अलग राज्यों व जिलों के खानपान व अन्य वस्तुओं की बिक्री होगी। इससे निगम को करीब डेढ़ करोड़ की आय होगी।
चम्पावत की जमीन बेचने की तैयारी
बैठक में चम्पावत में केएमवीएन की रोजिन फैक्ट्री की खाली पड़ी 163 नाली जमीन को न्यूनतम सात लाख रुपये प्रति नाली के हिसाब से बिक्री करने का भी निर्णय लिया गया। इससे निगम को सर्किल रेट के हिसाब से नौ करोड़ की आय होगी। चम्पावत के साथ ही रुद्रपुर, ताड़ीखेत, नोएडा की जमीन बेचने पर भी चर्चा हुई। सदस्यों ने इन जमीन पर लघु उद्योग स्थापित कर स्थानीय लोगों को रोजगार दिलाने पर जोर दिया। एमडी ने कहा कि इस बारे में सिडकुल के एमडी तक से बात की जा चुकी है, मगर कोई तैयार नहीं है, जिसके बाद सदस्यों ने इन जमीन से संबंधित सभी फैसले लेने के लिए एमडी को अधिकृत कर दिया।