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    एनजीओ के जंजाल में फंस रहीं पहाड़ की बेटियां, सोशल सर्विस की जगह कहीं और ही करवाई जा रही 'सेवा'

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 01:51 PM (IST)

    देहरादून में एक एनजीओ के जाल में फंसी पहाड़ी युवतियों का मामला सामने आया है। आरोप है कि एनजीओ मासूम लड़कियों को नौकरी का झांसा देकर फंसाता है उनसे दुर्व्यवहार करता है और उनकी जमा पूंजी लूट लेता है। पीड़िताओं ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और पूर्व राज्यपाल से मदद की गुहार लगाई है। एनजीओ लड़कियों पर फेसबुक के ज़रिये लड़कों से दोस्ती करने का दबाव डालता है।

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    नौकरी का झांसा व बेहतर तनख्वाह का लालच देकर फेंका जाता है जाल। प्रतीकात्‍मक

    संवाद सूत्र, जागरण गरमपानी। कोसी घाटी समेत प्रदेश के अलग अलग जनपदों की युवतियां एक स्वयं सेवी संस्था के चंगुल में फंसीं गई है। एनजीओ के जंजाल से बचकर निकली युवती के पिता ने एनजीओ के कर्मचारियों पर उनकी बेटी के साथ दुर्व्यवहार समेत जमा पूंजी तक ठगने का आरोप लगाया है।

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    खास बात यह है की कथित एनजीओ के लिए काम करने वाली पहाड़ की ही कुछ लड़कियां यहां की सीधी साधी युवतियों को नौकरी का झांसा देकर फंसा रही है। चोरगलिया निवासी सिमरन ने बकायदा एसएसपी देहरादून को शिकायती पत्र भी दिया है साथ ही पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलकर पहाड़ की बेटियों को बचाने की गुहार लगाई है।

    नौकरी के नाम पर बुलाया गया देहरादून

    कोसी घाटी के बेतालघाट, रामगढ़, ताड़ीखेत ब्लॉक समेत आसपास के तमाम गांवों की कई बेटियां देहरादून में एक कथित एनजीओ संचालित करने वाले गिरोह के चंगुल में फंस गई है। समीपवर्ती अल्मियाकाडे गांव निवासी सुरेंद्र सिंह मेहरा के अनुसार उनकी बेटी नीलम को भी मार्च में नौकरी के नाम पर देहरादून बुलाया गया। इसके खातों की जानकारी लेकर करीब एक लाख रुपये से अधिक की धनराशि निकाल ली गई।

    बार बार घर से पैसे मंगाने का दबाव भी बनाया गया। खुलासा किया की नीलम को पहाड़ की ही एक लड़की ने जान पहचान बढ़ाकर नौकरी में लगाने का झांसा दिया। सुरेन्द्र सिंह ने कहा की बेटी बामुश्किल वहां से बचकर निकली है। अंदेशा जताया कि सैकड़ों लड़कियां कथित एनजीओ के शिकंजे में फंसीं हुई है।

    शुक्रवार को तल्ला आमखेड़ा, चोरगलिया निवासी सिमरन बोहरा ने पिता भीम सिंह व भाजपा नेता पान सिंह मेवाड़ी को साथ लेकर पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से उनके आवास पर मिलकर आप-बीती सुनाई। कथित एनजीओ के जाल में फंसती पहाड़ की लड़कियों को बचाने की गुहार लगाई।

    बताया कि उसने अपनी बहन को भी बामुश्किल बचाया है। उसका भी एनजीओ कर्मचारियों ने मानसिक उत्पीड़न किया है। मामले को लेकर पूर्व राज्यपाल ने पुलिस के उच्चाधिकारियों से वार्ता की है।

    साहसी सिमरन ने देहरादून में दी तहरीर

    गरमपानी : बहन के साथ ही खुद भी कथित एनजीओ संचालित करनेंवालों के चंगुल से बचकर निकली हिम्मती सिमरन ने नेहरु कॉलोनी में तहरीर देकर मामले में कार्रवाई की मांग भी उठाई है। तहरीर के माध्यम से बताया है कि उसकी छोटी बहन को बंधक बनाकर रखा गया। उसके पास रखे 38 हजार रुपये भी लूट लिए गए। जब उसे नौकरी का झांसा दिया गया तो वह भी देहरादून पहुंची।

    विभिन्न प्रलोभन के साथ बीस हजार प्रतिमाह तनख्वाह का भरोसा दिलाया गया। रजिस्ट्रेशन के नाम पर तीन हजार रुपये लिए गए। बताया की बमुश्किल बहन को लेकर वहां से निकली। उसकी जैसी सैकड़ों लड़कियां अब भी एनजीओ के चंगुल में फंसीं हुई है। सिमरन ने एनजीओ के लिए काम करने वाले कुछ युवक युवतियों के नाम भी पुलिस को सौंपे हैं। सिमरन के अनुसार अभी भी उसे फोन पर जान से मारने की धमकियां दी जा रही है।

    फेसबुक पर लड़कों से दोस्ती करने व फंसाने का दबाव

    गरमपानी : कथित एनजीओ में पहाड़ की भोली-भाली लड़कियों को फंसाकर उनसे फेसबुक के जरिए लड़कों से दोस्ती करने का दबाव बनाया जाता है। यही नहीं विडियो काॅल पर उन्हें फंसाने के लिए भी कहा जाता है।

    सिमरन व नीलम के पिता की मानें तो कथित एनजीओ संचालित करने वाला गिरोह बेहद शातिर है। किसी को शक न हो इसके लिए देहरादून में लड़कियों को अलग-अलग जगह रखा जाता है वहीं घर वालों से भी बात नहीं करने दी जाती। अलग-अलग तरीके अपनाकर महज पैसे मंगाने का दबाव बनाया जाता है।

    देहरादून के नेहरू कॉलोनी थानाध्‍यक्ष संजीत कुमार का कहना है कि कुछ युवतियों ने एक ऑनलाइन नेटवर्किंग कंपनी के खिलाफ शिकायत दी है। उक्‍त कंपनी सदस्‍यों को रखकर विभिन्‍न कंपनियों के उत्‍पाद बेचती है। इसके लिए किट बनाई गई है, जिसे बेचने पर मुनाफा होता है। प्रारंभिक जांच में ऐसा कुछ सामने नहीं आया है, जिसके आधार पर केस दर्ज किया जा सके।