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    कार्बेट पार्क के ढिकाला में रेस्क्यू किए गए घायल बाघ की मौत, छह अप्रैल को जंगल में मिला था घायल

    Updated: Sat, 12 Apr 2025 09:02 PM (IST)

    रामनगर के कार्बेट पार्क के ढिकाला जोन में आपसी संघर्ष में घायल हुए एक चार वर्षीय बाघ की उपचार के दौरान मौत हो गई। बाघ को गंभीर हालत में रेस्क्यू सेंटर ...और पढ़ें

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    Corbett Park: कार्बेट पार्क के ढिकाला में रेस्क्यू किए गए घायल बाघ की हुई मौत. File

    जासं, रामनगर। कार्बेट नेशनल पार्क के ढिकाला के जंगल में दूसरे बाघ से हुए संघर्ष में घायल हुए चार वर्षीय नर बाघ ने एक सप्ताह बाद दम तोड़ दिया। उपचार के लिए ढेला रेस्क्यू सेंटर में रखे गए बाघ की हालत सुधरने की जगह बिगड़ती चली गई थी। पोस्टमार्टम की कार्रवाई के बाद शव जला दिया गया।

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    कार्बेट टाइगर रिजर्व के ढिकाला पर्यटन जोन के कमरपटटा क्षेत्र में विभागीय स्टाफ ने छह अप्रैल को एक बाघ घायल अवस्था में देखा था। सात अप्रैल को बाघ को पशु चिकित्साधिकारी डा.दुष्यंत शर्मा ने ढिकाला में रेस्क्यू किया था। बाघ के अगले बाएं पैर में जख्म हो गया था। जिस वजह से वह चलते ही गिर जा रहा था।

    जख्म को ठीक करने के लिए दवाई का स्प्रे कर उसे पिंजड़े में रखकर वाहन से ढेला रेस्क्यू सेंटर लाया गया था। बाघ का तब से उपचार चल रहा था। शनिवार को पशु चिकित्साधिकारी दुष्यंत शर्मा ने बाघ के शव का पोस्टमार्टम किया। इस दौरान कार्बेट के उपनिदेशक राहुल मिश्रा, कालागढ़ के एसडीओ बिंदर पाल, ढेला रेंजर नवीन चंद्र पांडे पोस्टमार्टम के दौरान मौजूद रहे।

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    पार्क के वार्डन अमित ग्वासाकोटी ने बताया कि बाघ का उपचार की मौत शुक्रवार शाम को हो गई थी। बाघ के शव के आंतरिक अंगों के सेंपल फोरेसिंक जांच करने को लिए हैं।

    कार्बेट के उपनिदेशक राहुल मिश्रा ने बताया कि आपसी संघर्ष में ही बाघ घायल हुआ था। जिस वजह से वह शिकार नहीं कर पाया और कमजोर हो गया। इससे उसकी हालत बिगड़ती चली गई। ढिकाला में आपसी संघर्ष में घायल हुए दूसरे बाघ को भी खोजा जा रहा है।

    ग्रामीण हिसंक वन्य जीव के हमले में घायल

    रामनगर: क्रशर से टैक्टर छोड़कर आ रहे ग्रामीण पर संभवत: गुलदार ने हमला कर दिया। जिसमें वह घायल हो गया। घायल ग्रामीण को वनकर्मी उसे उपचार के लिए अस्पताल लेकर आए। जहां उपचार के बाद उसे अस्पताल से छुटटी दे दी गई। रामनगर के ग्राम हल्दुआ के करेलपुरी गांव निवासी यशपाल सिंह 43 पुत्र प्यारा सिंह टैक्टर चालक है। वह किसी क्रशर से पैदल अपने घर की ओर आ रहा था।

    तराई पश्चिमी वन प्रभाग के अंतर्गत करैलपुरी गांव में जंगल किनारे संभवत: गुलदार ने अचानक उस पर हमला कर दिया। उसके शोर मचाने पर गुलदार हमला कर भाग गया। हमले से ग्रामीण के पीठ पर चार पांच घाव बन गए। किसी तरह भागकर उसने अपनी जान बचाई।

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    सूचना पर रामनगर रेंज से वनकर्मी मोहन बिष्ट उसे अपने साथ सरकारी अस्पताल लाए। जहां रामनगर रेंज के वनकर्मी भी पहुंच गए।उससे जानकारी ली। जानकारी देते हुए घायल यशपाल सिंह ने बताया कि उस पर हमला करने वाला बाघ था। किसी तरह वह बाघ के चंगुल से छुटा और उसकी जान बच पाई।

    डीएफओ प्रकाश चंद्र आर्या ने बताया कि मौके पर गश्त कराई जा रही है।ग्रामीण पर हमला करने वाला गुलदार था या बाघ, जानकारी ली जा रही है। घायल ग्रामीण की हालत ठीक है।