राशन के साथ सब्जियां भी महंगी, जीरे के दाम एक माह में 100 रुपये प्रतिकिलो बढ़े
Inflation महंगाई ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। राशन सब्जी से लेकर मसाले तक के रेट बढ़ गए हैं। आलम यह है कि सब्जियों का जायका बढ़ाने वाले जीरे के दाम ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : रसोई में महंगाई (Inflation ) के तड़के ने घर का बजट बिगाड़ दिया है। राशन के साथ सब्जियों के दाम दोगुने हो गए हैं। आलम यह है कि अधिकांश सब्जियों का जायका बढ़ाने वाले जीरे के दाम एक माह में 100 रुपये बढ़ चुके हैं।
कारोबारी शेखर चंद्र जोशी के मुताबिक दालों को छोड़कर सभी खाद्य पदार्थों के दाम में बढ़ोत्तरी हो चुकी है। महंगाई का असर कारोबार पर भी पड़ रहा है। जिस सामान को ग्राहक पहले किलो के हिसाब से खरीदते थे। अब वह आधा किलो में आ गए हैं। खासकर मसालों के दाम हर माह बढ़ रहे हैं। खड़े मसाले के दाम 50 रुपये, धनिया 30 रुपये, मिर्च 15, साबूत हल्दी पांच रुपये और रिफाइंड के दाम पांच रुपये बढ़ चुके हैं।
इसी तरह सब्जियों में 10 से 15 रुपये प्रति किलो की बढ़ोत्तरी हुई है। 10 दिन पहले 20 रुपये किलो बिक रही गोभी अब 40 रुपये किलो है। टमाटर 30 से बढ़कर 40, प्याज 25, कद्दू 20 व भिंडी 60 से 65 रुपये किलो तक बिक रही है। आढ़ती केशवदत्त पलडिय़ा के अनुसार सब्जियों की आवक कम होने से सब्जियों के दामों में उछाल आ रहा है।
मसाले व राशन के रेट
मसाला पहले अब
धनिया 107 140
मिर्च 175 190
साबूत हल्दी 105 110
जीरा 150 250
रिफाइंड 165 175
अचार 85 92
बासमती 85 89
खड़े मसाले 850 900
बेलवाल भोग आटा 270(10 किलो ग्राम) 275
(नोट- आटा छोड़ अन्य सामान के रेट प्रतिकिलो में हैं। कारोबारियों से बात कर रेट दिए हैं)
फुटकर सब्जियों के दाम
सब्जी पहले अब
गोभी 20 40
टमाटर 30 40
प्याज 20 25
कद्दू 12 20
भिंंडी 55 60-65
बीन 60 70
लौकी 15 20
तुरई 30 40
अदरक 40 60
आलू 10 15
शिमला 25 35
(नोट- सभी रेट किलो में हैं)
बिठौरिया बबीता बिष्ट का कहना है कि महंगाई दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। पहले रसोई के लिए एक सीमित बजट बनाकर रखती थी। जो अब बदल चुका है। सरकार को महंगाई पर रोक लगानी चाहिए।
नया बाजार की रहने वाली ममता परगाईं कहती हैं कि खाद्य पदार्थों की कीमत कम होने का नाम नहीं ले रही है। अच्छे दिनों का सपना दिखाकर सरकार सत्ता में आई। महंगाई बढ़ाकर लोगों को परेशान किया जा रहा है।
शीशमहल निवसी मीरा पांडेय बताती हैं कि बढ़ती महंगाई को देखकर रसोई बजट के हिसाब से चलानी पड़ रही है। जो सामान पहले किलो में लेकर आते थे, उसे आधा खरीद रहे हैं। महंगाई कम होने से सभी लोगों को राहत मिलेगी।
ऊंचापुल निवासी दिव्यांशी नेगी का कहना है कि सरकार को महंगाई पर काबू करने की जरूरत है। गरीब परिवारों को एक ओर मुफ्त राशन दिया जा रहा है। वहीं, तेल और मसालों जैसी जरूरी वस्तुओं में बढ़ोत्तरी की जा रही है।

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