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भारतीय पर्वतारोहण संस्थान का दल पिंडारी में चलाएगा स्वच्छता अभियान NAINITAL NEWS

भारतीय पर्वतारोहण संस्थान (आइएमएफ) दिल्ली के 12 सदस्यों का दल पिंडारी ग्लेशियर में स्वच्छता अभियान के लिए गुरुवार को बागेश्वर से रवाना हुआ।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 20 Sep 2019 11:42 AM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 11:42 AM (IST)
भारतीय पर्वतारोहण संस्थान का दल पिंडारी में चलाएगा स्वच्छता अभियान NAINITAL NEWS
भारतीय पर्वतारोहण संस्थान का दल पिंडारी में चलाएगा स्वच्छता अभियान NAINITAL NEWS

बागेश्वर, जेएनएन : भारतीय पर्वतारोहण संस्थान (आइएमएफ) दिल्ली के 12 सदस्यों का दल पिंडारी ग्लेशियर में स्वच्छता अभियान के लिए गुरुवार को बागेश्वर से रवाना हुआ। दल के सदस्य ग्लेशियर के अलावा रास्तों पर पड़े कूड़े को भी साथ लेकर लौटेंगे।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के सपने को साकार करने के लिए आइएमएफ का यह दल ङ्क्षपडारी ग्लेशियर के शीर्ष में 5,312 मीटर की ऊंचाई पर स्थित विश्व प्रसिद्ध ट्रेल दर्रे के पार जाकर अभियान को अंजाम देगा। युवा कल्याण और खेल मंत्रालय द्वारा आयोजित स्वच्छता अभियान दल को आइएमएफ के अध्यक्ष कर्नल एचएस चौहान ने दिल्ली में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। बागेश्वर से पिंडारी ग्लेशियर को रवाना होने पर दल के सदस्य सुभाष तराण, विजय रौतेला, तरुण मेहरा ने कहा कि वे स्वच्छ मिशन को हर संभव सफल बनाएंगे। दल के लीडर कर्नल एसपी मलिक ने बताया कि पिंडारी ग्लेशियर के पास बेस कैंप में टीमें बनाकर ट्रेल दर्रे की ओर जाएंगे और वहां से अजैविक कूड़े को एकत्रित किया जाएगा। 

पर्वतारोही को खोजने की होगी कोशिश 

यह दल पिंडारी के शीर्ष में ट्रेल दर्रे को पार कर मिलम घाटी में निकलने का प्रयास करेगा। जून में नंदा देवी चोटी आरोहण के दौरान एवलांच की चपेट में आकर बर्फ में दबे सात विदेशी और एक भारतीय लाइजन अफसर की खोज एवं बचाव के तहत सात पर्वतारोहियों के शव डेयर डेवल अभियान के तहत निकाले गए थे। तब उस दल के लीडर मार्टिन मोरेन का अता-पता नहीं लग सका। उन्होंने कहा कि ग्लेशियर के कैंपों से कूड़ा एकत्रित करने के साथ-साथ दल मार्टिन मोरेन को भी ढूढऩे का प्रयास करेगा।

तीन से चल रहा है अभियान 

आइएमएफ के कर्नल एसपी मलिक ने बताया कि युवा कल्याण और खेल मंत्रालय से आइएमएफ का यह अभियान विगत तीन साल से चल रहा है। अभी तक स्वच्छता का अभियान ङ्क्षपडर घाटी में बसे दुर्गम गांवों में ही चल रहा था। पहली बार ग्लेशियर के साथ ही ट्रेल दर्रे में स्वच्छता अभियान चलेगा। 5,312 मीटर की ऊंचाई पर ट्रेल दर्रे को पार करने के लिए अभी तक 90 दल प्रयास कर चुके हैं, लेकिन 17 दलों को ही इसमें सफलता मिली है।


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