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kazind-2019 मिलिट्री एक्‍सरसाइज में दिखा भारत-कजाकिस्तान के जवानों का हौसला, तस्‍वीरों में देखें

पिथौरागढ़ के सैन्य क्षेत्र में चल रहे भारत-कजाकिस्तान संयुक्त सैन्याभ्यास काजिंद के दूसरे दिन दोनों देशों के जवानों ने प्रतिकूल हालातों से निपटने की अपनी तैयारियों को परखा।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 04 Oct 2019 07:47 PM (IST)Updated: Fri, 04 Oct 2019 07:47 PM (IST)
kazind-2019 मिलिट्री एक्‍सरसाइज में दिखा भारत-कजाकिस्तान के जवानों का हौसला, तस्‍वीरों में देखें
kazind-2019 मिलिट्री एक्‍सरसाइज में दिखा भारत-कजाकिस्तान के जवानों का हौसला, तस्‍वीरों में देखें

पिथौरागढ़, जेएनएन : पिथौरागढ़ के सैन्य क्षेत्र में चल रहे भारत-कजाकिस्तान संयुक्त सैन्याभ्यास काजिंद के दूसरे दिन दोनों देशों के जवानों और अधिकारियों ने प्रतिकूल हालातों से निपटने की अपनी तैयारियों को परखा। जवानों ने युद्ध के दौरान आने वाली बाधाओं से पार पाने के गुर सीखे। सैन्याभ्यास के दौरान पहाड़ों से कूदना, रस्सियों के सहारे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में चढ़ना-उतरना, जैसी विपरीत परिस्थितियों से निपटने का अभ्‍यास जवानों ने किया। दोनों देशों के जवानों में गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है।

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शुक्रवार की सुबह से लेकर देर सांय तक भारत-कजाकिस्तान के सैनिकों ने जमकर पसीना बहाया। प्रथम सत्र में युद्ध बाधा कोर्स और स्थैतिक मंच से फिसलन पर अभ्यास किया गया। जिसमें जवानों ने लंबी कूद, दीवार फांदना, ऊंचाई से रस्सी के सहारे नीचे उतरना, रस्सी पर शरीर के बल चलना आदि का प्रशिक्षण लिया। द्वितीय सत्र में जवानों ने पर्वतारोहण और फायरिंग के गुर सीखे। इस चौथे संयुक्त सैन्याभ्यास का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के सैनिकों द्वारा दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों एवं जंगलों में सैन्य संबंध स्थापित करने के साथ-साथ आतंकवाद विरोधी अभियानों में प्रशिक्षण प्राप्त करना है।

युद्धाभ्यास के दौरान महत्वपूर्ण व्याख्यान, प्रदर्शन, ड्रिल सहित जवाबी कार्रवाई, आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन का आयोजन किया जाएगा। जिसमें दोनों देशों के जवान अपने अनुभवों को एक-दूसरे से साझा करेंगे। इस संयुक्त सैन्य अभ्यास में दोनों देशों के 120 अधिकारी व जवान प्रतिभाग कर रहे हैं।

युद्धाभ्यास से संबंधित मुख्य बातें

• काजिंद-2019 एक वार्षिक अभ्यास है। यह युद्धाभ्यास लगातार चौथी बार आयोजित किया जा रहा है। यह अभ्यास प्रत्येक साल क्रमशः कजाखिस्तान तथा भारत में आयोजित किया जाता है।

• इस युद्धाभ्यास का उद्देश्य पहाड़ी क्षेत्रों में आतंक निरोधी संयुक्त अभ्यास का संचालन करना है। युद्धाभ्यास के लिए वैश्विक आतंकवाद की उभरती प्रवृत्तियों को भी शामिल किया गया है।

• इस युद्धाभ्यास का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद की कार्रवाई में एक दूसरे की परिचालन प्रक्रियाओं के साथ दोनों दलों को परिचित करना है।

• इस संयुक्त सैन्य अभ्यास से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों विशेषकर रक्षा सहयोग को बहुत ही मजबूती मिलेगी।

• इस संयुक्त सैन्याभ्यास की शुरुआत भारत-कजाखिस्तान के बीच साल 2016 में हुई थी यह संयुक्त सैन्याभ्यास पहले हिमाचल प्रदेश में किया गया था।

• कजाखिस्तान भी इस्लामी चरमपंथियों के आतंक से बहुत परेशान है। इसलिये आतंकी गतिविधियों से निपटने में दोनों देशों के बीच सहयोग की काफी महत्वपूर्ण है।

भारत-कजाखिस्तान का संबंध

भारत तथा कजाखिस्तान के बीच संबंध पुराने एवं ऐतिहासिक हैं जो 2500 साल पहले से चले आ रहे हैं। भारत और कजाखिस्तान का रक्षा एवं राजनीति के क्षेत्र में सहयोग का लंबा इतिहास रहा है। भारत उन पहले देशों में शामिल है जिसने कजाखिस्तान की स्वतंत्रता को मान्यता दी थी। भारत और कजाखिस्तान के बीच द्विपक्षीय कूटनीतिक संबंध फरवरी 1992 में बने थे। भारत का सबसे बड़ा आर्थिक साझीदार मध्य एशिया में कजाखिस्तान है। कजाखिस्तान से हाल ही में भारत ने असैन्य परमाणु सहयोग को बढ़ाने पर यह दूसरा बड़ा समझौता किया है।एक समझौते के तहत कजाखिस्तान पहले से ही भारत को यूरेनियम की आपूर्ति कर रहा है।


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