Road Safety: हल्द्वानी में अजब हाल, चौराहा खाली, लालबत्ती बंद और जिम्मा एक कांस्टेबल पर
Road Safety हाईवे का एंट्री प्वाइंट हो या एग्जिट प्वाइंट संकेतक डाइवर्जन पर सुरक्षा के मानक और स्टाफ की तैनाती में सतर्कता के बजाय सड़क पर लापरवाही देखने को मिली। ये लापरवाही लोगों की जिंदगी पर भारी पड़ रही है।
गोविंद बिष्ट, हल्द्वानी : Road Safety with Jagran: आगे स्कूल है धीरे चलें...कुछ दूरी पर बाजार और अस्पताल भी मिलेगा। किसी शहर की अहम सड़क और खासकर हाईवे से गुजरने पर ऐसे साइन बोर्ड (संकेतक) की अहमियत बढ़ जाती है। चालक सतर्क होता है। रफ्तार नियंत्रित होती है। हादसे की भी आशंका कम होती है।
लेकिन आपके अपने समाचार पत्र दैनिक जागरण की पड़ताल में गुरुवार को हाईवे के एंट्री-एग्जिट, संकेतक, डाइवर्जन पर सुरक्षा के मानक और स्टाफ की तैनाती में सतर्कता की बजाय सड़क पर लापरवाही देखने को मिली। सार्वजनिक रेस्ट एरिया गायब मिले। पानी और शौचालय के लिए एकमात्र सहारा पेट्रोल पंप ही रहे।
चौराहे पर न लालबत्ती दिखी, न सिपाही
हाईवे की हकीकत जानने जागरण टीम हल्द्वानी से सितारगंज-किच्छा वाया बरेली रोड हल्द्वानी और फिर रामनगर तक पहुंची। गौलापार से चोरगलिया तक कहीं कोई व्यस्त चौराहा नहीं मिला। लेकिन सितारगंज के महाराणा प्रताप चौक से एक सड़क हल्द्वानी, दूसरी नानकमत्ता, तीसरी मुख्य बाजार और चौथी किच्छा को निकल रही थी। यहां लालबत्ती दिखी और न कोई सिपाही ही तैनात रहा।
- यही हाल आगे अमरिया चौक का भी दिखा। सितारगंज से किच्छा बाईपास पर न चेकपोस्ट और न कोई जिम्मेदार नजर आया। आगे फ्लाईओवर तो दिखा। लेकिन साइन बोर्ड नहीं था। इससे आगे आंबेडकर चौक की बंद लालबत्ती पर यातायात नियंत्रण की जिम्मेदारी एक कांस्टेबल निभा रहा था।
गलत दिशा का परिणाम : मासूम व शिक्षिका की मौत
हाईवे या किसी अन्य सड़क पर गलत दिशा में वाहन चलाना जिंदगी को खतरे में डालने जैसा है। 14 नवंबर को सितारगंज से किच्छा बाईपास पर बस-ट्रक की टक्कर में एक मासूम व शिक्षिका की मौत हो गई थी। बस गलत दिशा में चल रही थी। लेकिन सड़क पर रोकने या टोकने के लिए कोई जिम्मेदार नहीं था।
रुका काम : असंमजस से अटका संकेतक का काम
रामपुर हाईवे पर रोजाना हजारों गाड़ियां गुजरती हैं। बस, ट्रक और पर्यटकों के वाहन भी इनमें शामिल हैं। रोड सेफ्टी से जुड़े कामों के लिए पूर्व में 70 लाख से ज्यादा का बजट स्वीकृत हुआ था। लेकिन इस बीच केंद्र ने सड़क चौड़ीकरण परियोजना को मंजूरी दे दी। इस कारण लोनिवि ने रोड सेफ्टी के नए काम को रोक दिया। अधिकारियों का तर्क है कि चौड़ाई बढ़ने के बाद ही पैसे का सदुपयोग होगा।
हल्द्वानी से सितारगंज रोड
- दानीबंगर के पास झाड़ियां सड़क पर, साइन बोर्ड तक ढके
- सिडकुल पार सिसौना बाजार, लेकिन पहले कोई संकेतक नहीं
- आगे सरकारी कालेज व प्रयास अस्पताल, पहले कोई बोर्ड नहीं
- महाराणा प्रताप चौक पर एक कांस्टेबल तक नहीं
सितारगंज से किच्छा बाईपास रोड
- एक बाइक पर तीन लोग
- गलत दिशा में दोपहिया चलते मिले
- किच्छा से पहले आंबेडकर चौक पर रेड लाइट बंद
- किच्छा बाईपास पर ओवरलोड ट्राली रोकने को कोई जिम्मेदार नहीं।
हल्द्वानी से रामनगर-मोहान रोड
- 80 किमी के सफर में सिर्फ आठ जगह पर पुलिस दिखी।
- हाईवे की वजह से रफ्तार तेज लेकिन जांच दल गायब।
सुरक्षित सफर के लिए साइन बोर्ड बेहद जरूरी होते हैं। हर नई सड़क के निर्माण के दौरान इन्हें भी लगाया जाता है। कई बार अराजक तत्व इन्हें तोड़ देते हैं। विभाग की ओर से इनपर ध्यान नहीं दिया जाता। ऐसे में हादसे की आशंका बढ़ जाती है।
- राजेंद्र फर्त्याल, रिटायर सहायक अभियंता
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