यूजीसी का निर्देश, एंटी रैगिंग विनियम लागू कर आरोपितों पर करें कड़ी कार्रवाई करे राज्य
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में रैगिंग को उच्च शिक्षा के लिए घातक बताया है। ...और पढ़ें

हल्द्वानी, जेएनएन : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में रैगिंग को उच्च शिक्षा के लिए घातक बताया है। रैगिंग को अपराध बताते हुए उत्तराखंड शासन से एंटी रैगिंग विनियम को लागू करने व रैगिंग में शामिल लोगों के खिलाफ कड़े कदम उठाने को कहा गया है।
यूजीसी के सचिव प्रो. रजनीश जैन ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव, उच्च शिक्षा सचिव को पत्र जारी कर बताया है कि आयोग ने उच्च शैक्षणिक संस्थानों में रैगिंग के खतरे को रोकने के लिए 'यूजीसी विनियम' तैयार किया है। 12 भाषाओं में एक राष्ट्रव्यापी टोल फ्री एंटी-रैगिंग हेल्पलाइन नंबर 1800-180-5522 भी स्थापित किया गया है। जिसका उपयोग रैगिंग के दौरान विद्यार्थियों तक पहुंचने के लिए किया जा सकता है। साथ ही आयोग ने सभी संस्थानों को अपने प्रॉस्पेक्टस में सरकार के निर्देशों को शामिल करने और निषेधाज्ञा के परिणामों को अनिवार्य रूप से शामिल करने को कहा है। एंटी रैगिंग विनियम यूजीसी की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। सचिव प्रो. जैन ने कहा कि इन सभी उपायों के बावजूद हम अभी तक रैगिंग के खतरे को पूरी तरह से खत्म नहीं कर पाए हैं। यह देश की उच्च शिक्षा प्रणाली पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। ऐसे में राच्य में एंटी रैगिंग विनियमों को लागू करने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं व इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

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