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    Uttarakhand में पहाड़ के जल स्रोतों में बाहरी बिल्डरों का कब्जा, गांव में पड़ा सूखा

    Updated: Sun, 17 Nov 2024 02:12 PM (IST)

    Uttarakhand News उत्तराखंड के धारी ब्लाक में बाहरी बिल्डरों ने जल स्रोतों पर कब्जा कर अवैध रूप से वाटर टैंक बना दिए हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में प ...और पढ़ें

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    Uttarakhand News : ग्रामीणों की शिकायत पर एसडीएम प्रमोद कुमार ने किया छापेमारी, एक पकड़ा. Jagran

    जासं, भीमताल। Uttarakhand News: धारी ब्लाक के सतबुंगा खपराड़ में बाहरी बिल्डरों ने जल स्रोतों में कब्जा कर अवैध रूप से वाटर टैंक बना दिए हैं। इस पानी को बिल्डर अपने होटल, रिसार्ट व घरों में पहुंचा रहे हैं। जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है।

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    शनिवार को ग्रामीणों की शिकायत पर एसडीएम प्रमोद कुमार ने जल संस्थान के अवर अभियंता, सरपंच तथा लोगों के साथ छापेमारी कर एक अवैध वाटर टैंक पकड़ा है। इसके बाद उसे तोड़ने के साथ ही अन्य जगहों पर भी जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए।

    धारी के सतबुंगा, खपराड़ में बाहरी बिल्डरों ने जमीन खरीदकर होटल, रिसोर्ट व घर बनाए हैं। इनमें पानी की सप्लाई के लिए झाड़ियों में अवैध रूप से वाटर टैंक बनाकर जल स्रोतों में कब्जा किया है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की किल्लत हो गई है।

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    गांव का पानी रोक दिया

    सतबुंगा के ग्राम प्रधान जीवन सिंह गौड़ ने बताया कि खगराढ़ स्थित होटल व बिल्डिंग निर्माण व अन्य व्यावसायिक गतिविधियों के लिए बिल्डरों ने पेयजल स्रोत पर कब्जा कर गांव का पानी रोक दिया है। इससे क्षेत्र के करीब पांच हजार की आवादी के लिए पेयजल का संकट हो गया है। इससे ग्रामीणों में आक्रोश है।

    बताया कि बीते दिनों बिल्डरों ने रामगढ़-मुक्तेश्वर मोटर मार्ग से 2 किलो मीटर नीचे एक उच्च क्षमता का जलाशय बनाया। ग्रामीणों के विरोध के चलते उसे तोड़ना पड़ा। इसके अलावा 50 मीटर ऊपर 20 फिट चौड़ा एवं 50 फीट गहरा लगभग 2 लाख लीटर पानी क्षमता वाला गहरा भूमिगत टैंक बनाया है। जिसमें सतबुंगा के जल स्रोतों का पानी भरा जाता है।

    इसी वह से जल स्रोतों से जुड़े जल संस्थान की पंपिंग योजनाओं में पानी नहीं पहुंच रहा है। जिसके कारण गांव सतबूंगा, लोद व गल्ला सहित आसपास के गांव में पेयजल किल्लत को समस्या हो रही।

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    ये रहे मौजूद

    इस मौके पर ग्रामीण गणेश राणा, जीवन गौड़, रेखा गौड़, लाल सिंह गौड़, भगवती नयाल, कमलेश विष्ट, चम्पा गौड़, मनोज गौड़, गणेश गौड़, मदन मोहन गौड़, शांता प्रसाद, पान सिंह नयाल, दिनेश मंड, किरान सिंह, दिवान सिंह, तारा सिंह, राजेन सिंह, लोला गीड़, सरेश आर्या, शेरी राम, कृष्ण सिंह व राधिका आदि ग्रामीण मौजूद रहे।

    छापेमारी में पाया गया कि झाड़ियों के बीच में बाहरी बिल्डरों ने अवैध रूप से भूमिगत वाटर टैंक बनाया था। जिसकी गहराई लगभग 28 फीट तथा व्यास लगभग 7 फीट मापी गई। यह पत्थरों एवं मिट्टी से ढका हुआ मिला। जिसे तत्काल तोड़ने के साथ ही वैधानिक कार्रवाई की जा रही है। अन्य जगह जांच कर तोड़ने के निर्देश दिए गए है। - प्रमोद कुमार, एसडीएम