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    विषम ज्वर आए तो बढ़ाएं प्रतिरोधक क्षमता

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 01 Oct 2018 01:12 PM (IST)

    बरसात के बाद का यह मौसम स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद संवेदनशील है। इसी पर जागरण ने फोन इन कार्यक्रम आयोजित किया।

    विषम ज्वर आए तो बढ़ाएं प्रतिरोधक क्षमता

    जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : बरसात के बाद का यह मौसम स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद संवेदनशील है। इस मौसम में प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। इसके चलते इस समय विषम ज्वर का प्रकोप बढ़ गया है। जिसका मुख्य करण तरह-तरह के मच्छर हैं। पहले तो कोशिश होनी चाहिए कि मच्छरों से बचें। अगर बीमारी की चपेट में आ गए हैं तो आराम करें। कुछ घरेलू उपाय बरत सकते हैं। बीमारी बढ़ने पर डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें। आयुर्वेद में भी इन बीमारियों का उपचार संभव है। यह सलाह वरिष्ठ आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. विनय खुल्लर ने दी। वह रविवार को दैनिक जागरण के हैलो डॉक्टर में कुमाऊं भर से फोन करने वाले सुधी पाठकों को परामर्श दे रहे थे।

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    वायरल फीवर के लक्षण

    - तापमान 101 से 103 डिग्री फारेनहाइट तक होना

    - लगातार खांसी व जुकाम

    - जोड़ों का दर्द व सूजन

    - नाक वहना, भूख न लगना

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    डेंगू के लक्षण

    -ब्लड प्रेशर कम हो जाना

    -प्लेटलेट्स तेजी से गिरना

    -बुखार व कंपकंपी होना

    -तेज बुखार आना

    -उल्टी आने की संभावना

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    ऐसे करें बचाव

    - घर के आसपास गंदगी न होने दें

    - पुराने बर्तन व टायर में पानी जमा न होने दें

    - मच्छरदानी का प्रयोग करें

    - खाली बर्तनों को खुला न छोड़ें

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    आयुर्वेदिक उपचार

    डॉ. खुल्लर ने बताया, डेंगू होने पर सबसे पहले खून की जांच कराएं। प्लेटलेट्स नियंत्रित करें। बिना दाने के अंगूर को गाय के दूध में उबाल कर पीना चाहिए। पपीते के पत्ते को पीसकर पिया जा सकता है। बीमारी बढ़ने पर आयुर्वेदिक डॉक्टर से मिलें। तमाम तरह की दवाइयां हैं, जिनसे बेहतर उपचार संभव है।

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    ऐसे बढ़ाएं रोग प्रतिरोधक क्षमता

    - लहसुन की तीन कलियां, एक ग्लास दूध में उबालें। जब दूध आधा रह जाए। गुनगुना होने के बाद उसे पी लेना चाहिए।

    - हल्दी चूर्ण को दो चम्मच दूध के साथ नियमित लें।

    - शतावरी चूर्ण को दूध के साथ सुबह-शाम ले सकते हैं।

    - गिलोय का काढ़ा दिन में तीन बार लें।

    - शुद्ध शिलाजीत को दूध के साथ प्रयोग करें

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    इन्होंने किया फोन

    वीर सिंह काशीपुर, पंकज गुप्ता हल्द्वानी, अरविंद सिंह काशीपुर, प्रेम प्रकाश सितारगंज, दर्शन सिंह सितारगंज, आनंद सिंह अल्मोड़ा, सुखविंदर जसपुर, विकास बाजपुर, गोविंद पटवाल रामनगर, हरीश सिंह अल्मोड़ा, सुरेश जोशी बागेश्वर, पवन आर्य पिथौरागढ़, दिनेश जोशी नैनीताल, सविता हल्द्वानी आदि ने फोन कर परामर्श लिया।