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    कृत्रिम घोसला लगाने के बाद भी नहीं आ रही गौरैया तो हल्‍द्वानी के स्पैरोमैन से करें संपर्क

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Mon, 01 Nov 2021 09:14 AM (IST)

    पक्षियों के कलरव से घर का माहौल खुशनुमा हो जाता है। घर में चिडिय़ों का बसेरा भी शुभ माना जाता है लेकिन पेड़ों के कटने और बेतहाशा कंकरीट के जंगल खड़ा होने से घरों में अब पक्षियों की चहचहाट कम ही सुनाई देती है।

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    कृत्रिम घोसला लगाने के बाद भी नहीं आ रही गौरैया तो हल्‍द्वानी के स्पैरोमैन से करें संपर्क

    जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : पक्षियों के कलरव से घर का माहौल खुशनुमा हो जाता है। घर में चिडिय़ों का बसेरा भी शुभ माना जाता है, लेकिन पेड़ों के कटने और बेतहाशा कंकरीट के जंगल खड़ा होने से घरों में अब पक्षियों की चहचहाट कम ही सुनाई देती है। ऐसे में लोगों ने अपने घरों में गौरैया की आमद बनी रहे इसके लिए कृत्रिम घोसले लगाए। इनमें कहीं गौरेया आती है तो कहीं नहीं। लेकिन आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। चिडि़यों के रहने के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए हल्‍द्वानी में खास सख्‍श हैं, जिन्‍हें लोग प्‍यार से स्‍पैरोमैन कहते हैं।

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    हल्द्वानी के स्पैरोमैन कहे जाने वाले गुलाब सिंह नेगी गौरेया के लिए घरों में अनुकूल माहौल बनाते हैं। यदि आपने भी अपने घर पर चिडिय़ों के लिए घोसले लगाएं हैं और उसमें चिडिय़ा नहीं आ रही हैं। तो परेशान न हों। ग्रीन सिटी हल्द्वानी के स्पैरोमैन गुलाब सिंह नेगी गौरैया के रहन सहन, खानपान, उसकी सभी आदतों को बखूबी समझते हैं। आप उनसे संपर्क करें वह आपके घर आकर आपके लगाए गए घोसले का निरीक्षण कर इस समस्या का समाधान कर देंगे। जिससे एक बार फिर आपका घर, गार्डन चिडिय़ों की चहचहाहट, बसाहट से गूंज उठेगा।

    एमबीपीजी कालेज के प्राचार्य प्रोफेसर डा. बीआर पंत के घर पर लगे घोसले में जब गौरैया ने घर नहीं बसाया तो वे चिंतित हुए और इस समस्या के समाधान के लिए उन्होंने स्पैरोमैन गुलाब सिंह नेगी को फोन लगाया। गुलाब सिंह नेगी ने प्रोफ़ेसर पंत के घर पहुंच कर घोंसले का निरीक्षण किया तो पता लगा कि उसमें ततैयों का आवागमन शुरू हो गया है। और यही कारण था कि गौरैया उस घोसले को अंडे देने के लिए पसंद नहीं कर रही थीं। स्पैरोमैन गुलाब सिंह नेगी ने समस्या का समाधान करते हुए गौरैया के आने-जाने खाने-पीने आदि के कुछ जरूरी टिप्स प्रोफेसर पंत को दिए।

    इस मौके पर गुलाब सिंह ने लोगों से आग्रह किया कि वे केवल 20 मार्च को गौरैया दिवस मनाकर फुरसत न ले लें बल्कि अपने घर घोसले और दाना पानी का इंतजाम करके अपने आसपास प्राकृतिक वातावरण बनाए रखें। एमबीपीजी हिंदी विभाग के प्रो. संतोष मिश्र ने अपील की है कि अगर आपके भी घर में लगा गौरैया का घोसला सूना है तो एक बार स्पैरोमैन गुलाब सिंह नेगी को उनके मोबाइल नंबर 9412960065 पर फोन जरूर करिए।