मातहतों के दिलों में खास जगह नहीं बना पाए आइएएस सविन बंसल
आइएएस सविन बंसल जिले में कुछ खास छाप नहीं छोड़ पाए। यहां तक कि मातहतों के दिलों में भी वह अपनी जगह बना पाने में कामयाब नहीं हो सके। योजनाएं सीएम के सामने बेहतरीन तरीके से प्रस्तुतिकरण को छोड़ दें तो बंसल का काम कुछ खास नहीं नजर आया।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : एक साल आठ महीने का समय कम नहीं होता है। इतने समय में कोई अधिकारी चाहे तो अपने काम व व्यवहार से हर दिल अजीज बन सकता है। अगर डीएम जैसी कुर्सी हो तो फिर संभावना कई गुना बढ़ जाती है, लेकिन इतने समय में काम करते हुए आइएएस सविन बंसल जिले में कुछ खास छाप नहीं छोड़ पाए। यहां तक कि मातहतों के दिलों में भी वह अपनी जगह बना पाने में कामयाब नहीं हो सके।
योजनाएं बनाने व सीएम के सामने बेहतरीन तरीके से प्रस्तुतिकरण को छोड़ दें तो डीएम सविन बंसल का काम जमीनी स्तर पर कुछ खास नहीं नजर आया। 29 जनवरी 2019 को 2009 बैच के आइएएस बंसल ने जब नैनीताल जिले का कार्यभार ग्रहण किया था तो पहली प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने दावा किया था, आवारा कुत्तों का बधियाकरण कर आतंक से निजात दिलाएंगे।
अस्पताल से रेफर मरीज के बारे में डाक्टर को कारण सहित रजिस्टर में दर्ज करना होगा। तकनीक के माध्यम से गुड गवर्नेंस का क्रियान्वयन होगा और भी तमाम दावे किए थे, लेकिन डेढ़ साल बाद भी इन दावों की हकीकत सबके सामने है। वहीं, एसटीएच में लापरवाही के प्रकरण समेत तमाम मामलों की जांच कराई गई थी, लेकिन इन मामलों की जांच रिपोर्ट अभी तक जारी नहीं हुई। हालांकि मामले में उनका कहना था कि जांच करने के बाद रिपोर्ट शासन को भेज दी गई थी।
जनता से दूरी भी निराशा का बड़ा कारण
कार्यभार ग्रहण करने के कुछ समय तक जनता दरबार जैसा माहौल रहा, लेकिन कुछ समय बाद डीएम बंसल ने लोगों से मिलना बंद कर दिया। सामाजिक आयोजनों से भी दूरी बना ली थी। अगर दूरदराज से कोई मिलने भी पहुंच जाता था तो वह नहीं मिलते थे। अधीनस्थों से ही मिलने को कह दिया करते। इसे लेकर भी लोगों में आक्रोश था।
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