Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गौला नदी में हुई बंपर खनन, राजस्व के साथ विकास का खजाना भी भरा

    By Prashant MishraEdited By:
    Updated: Wed, 20 Apr 2022 11:54 PM (IST)

    वन निगम के मुताबिक जिला खनिज न्यास फाउंडेशन के खाते में 11.84 करोड़ रुपये अब तक जा चुके हैं। फाउंडेशन के कोष का इस्तेमाल जनहित से जुड़े कामों में होता ...और पढ़ें

    Hero Image
    नदी से 29 लाख घनमीटर उपखनिज अभी तक निकला।

    जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: कुमाऊं की लाइफलाइन कहे जाने वाली गौला नदी अब तक सरकार की झोली में 145 करोड़ रुपये जमा कर चुकी है। नदी से 29 लाख घनमीटर उपखनिज अभी तक निकला। इस बार निकासी का कुल लक्ष्य 38 लाख घनमीटर है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वहीं, सरकार को भारी-भरकम राजस्व देने के साथ गौला विकास कार्यों के लिए भी पैसे जमा कर रही है। वन निगम के मुताबिक जिला खनिज न्यास फाउंडेशन के खाते में 11.84 करोड़ रुपये अब तक जा चुके हैं। फाउंडेशन के कोष का इस्तेमाल जनहित से जुड़े कामों में होता है।

    शीशमहल से लेकर शांतिपुरी तक गौला के अलग-अलग गेटों पर साढ़े सात हजार वाहन निकासी करते हैं। इसके अलावा तीन गेटों पर बुग्गियों के संचालन की भी अनुमति है। भाबर से लेकर तराई के करीब एक लाख लोग प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तौर पर गौला के जरिये आजीविका चलाते हैं।

    आठ महीने चलने वाली गौला पर हल्द्वानी का बाजार भी निर्भर करता है। 15 नवंबर से धीरे-धीरे निकासी गेट खुलने लग गए थे। लेकिन बीच में वाहनस्वामियों और क्रशर संचालकों के बीच हड़ताल होने से दो सप्ताह से ज्यादा तक खनन का काम ठप रहा। वहीं, केंद्रीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान की टीम ने इस बार निकासी का लक्ष्य 38 लाख घनमीटर रखा है। बीच सत्र में हड़ताल नहीं होती तो टारगेट मई के पहले हफ्ते में भी पूरा हो जाता।

    17 करोड़ तक पहुंचेगा फंड

    वन निगम के मुताबिक जिला खनिज न्यास फाउंडेशन के खाते में इस बार के खनन सत्र से करीब 17 करोड़ रुपये जमा होने की उम्मीद है। इसके लिए 38 लाख घनमीटर उपखनिज की निकासी का इंतजार करना होगा। इस न्यास के अध्यक्ष डीएम होते हैंं।

    जिले के प्रभारी मंत्री की राय भी अहम होती है। इस फंड से सड़क, पेयजल, स्वास्थ्य और शिक्षा आदि क्षेत्र में काम किए जाते हैं। विधायक स्तर पर प्रस्ताव तैयार होते हैं। कमेटी की बैठक के जरिये डीएम भी प्रस्तावों को स्वीकृति देते हैं। हर जिले का अपना अलग न्यास फाउंडेशन होता है।

    डीएलएम वाईके श्रीवास्तव ने बताया कि 145 करोड़ से अधिक का राजस्व अभी तक मिल चुका है। इसके अलावा खनिज न्यास फाउंडेशन के खाते में 11.84 करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं। मई में निकासी का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा।