'होली कब है, कब है होली'? उत्तराखंड में हर किसी की जुबान पर बस यही सवाल, यहां दूर करें कनफ्यूजन
Holi 2025 Date Confusion होली कब है? उत्तराखंड में होली की तारीख को लेकर कन्फ्यूजन खत्म हो गया है। यहां जानिए कि उत्तराखंड में होली कब खेली जाएगी और होलिका दहन कब होगा। यह निर्णय ज्योतिषियों के साथ बैठक के बाद लिया गया। इसके लिए बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें राम लीला कमेटी के रिसीवर और सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेयी भी मौजूद थे।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी । Holi 2025 Date Confusion : होली पर्व की दो तिथियों के असमंजस को लेकर मंगलवार को नगर प्रशासन ने शहर के ज्योतिषियों के साथ बैठक की। रामलीला मैदान में आयोजित बैठक में यह निर्णय निकाला गया कि होली 15 मार्च को ही खेली जाएगी, लेकिन होलिका दहन 13 मार्च की रात में होगी।
रामलीला कमेटी हल्द्वानी के रिसीवर व सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेयी ने बताया कि सभी ज्योतिषयों ने शास्त्रसम्मत अपनी बात रखी। इसमें कहा गया कि फाल्गुन मास की भद्रारहित पूर्णिमा में होलिका दहन तथा प्रतिपदा को होली (छरड़ी, धुलेंडी) मनाने का शास्त्रों में विधान बताया गया है।
इसी के अनुसार 13 मार्च की रात्रि 11: 30 के बाद होलिका दहन किया जाएगा। 15 मार्च को होली (छरड़ी, धुलेंडी) पर्व मनाया जाएगा। डा. नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि पूरे उत्तराखंड में 15 मार्च को होली मनाने पर निर्णय लिया गया है। इसमें रामलीला कमेटी समेत शहर के कुछ और प्रमुख लोग भी शामिल थे। इसमें डा. जगदीश चंद्र भट्ट, डा. नवीन चंद्र जोशी, गोपाल दत्त त्रिपाठी, गोपाल दत्त भट्ट समेत कई ज्योतिष उपस्थित थे।
होली पीक सीजन पर, मुख्यालय से मांगे 45 परिचालक
हल्द्वानी: होली त्योहार के चलते परिवहन निगम को उम्मीद है कि शुक्रवार से दिल्ली, बरेली समेत अन्य मार्गों पर यात्रियों की संख्या बढ़ जाएगी। संचालन के दबाव को झेलने के लिए बसों की संख्या तो पर्याप्त है लेकिन परिचालकों का संकट हैं।
हल्द्वानी डिपो ने इस संबंध में रोडवेज मुख्यालय को पत्र भेज 45 परिचालकों की कमी बताई है। परिवहन निगम में पहले चालक-परिचालक दोनों की कमी थी। लेकिन पिछले डेढ़ साल में अनुबंधित बसों की संख्या लगातार बढ़ती गई। हल्द्वानी डिपो के पास ही 18 सीएनजी बसें हैं। जिन्हें दिल्ली चलाया जाता है। इसके अलावा कुल 65 बसों का रोजाना संचालन किया जाता है।
खास बात ये है कि अनुबंधित गाड़ियों में चालक मालिक का होता है, जबकि परिचालक नियुक्ति का जिम्मा रोडवेज पर है। वर्तमान में स्थिति ये है कि चालकों को लेकर तो दिक्कत नहीं है, लेकिन परिचालकों का अभाव बढ़ता जा रहा है।
संचालन के दबाव को झेलने के लिए मजबूरी में परिचालकों को डबल-डबल ड्यूटी तक करनी पड़ रही है। यही हाल रहा तो होली के साथ ही उसका बाद शुरू होने वाले पीक सीजन (गर्मियों) के दौरान भी बसों के संचालन में दिक्कत आ सकती है।
allowfullscreen>वहीं मामले को लेकर एआरएम संजय पांडे ने बताया कि मुख्यालय को इस संबंध में पत्र भेजा जा चुका है।
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