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    Holi 2022: कुमाऊं की खड़ी होली 13 मार्च से, जानिए होलाष्टक व होलिका दहन की जानकारी

    By Prashant MishraEdited By:
    Updated: Sat, 12 Mar 2022 06:41 AM (IST)

    Holi 2022 व्रत वाली एकादशी 14 मार्च को होगी। होलिका दहन 17 मार्च को होगा। होलिका दहन के लिए एक घंटा 10 मिनट का ही समय मिलेगा। 13 मार्च को चीर बंधन व रंग पडऩे के साथ खड़ी होली की शुरुआत हो जाएगी।

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    रात्रि 9:04 बजे से 10:14 बजे तक भद्रा का पुष्छकाल रहेगा। इस अवधि में होलिका दहन किया जा सकता है।

    जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : कुमाऊं में 13 मार्च को एकादशी के दिन चीर बंधन व रंग पडऩे के साथ खड़ी होली की शुरुआत हो जाएगी। पर्व निर्णय सभा ने सुबह 10:20 बजे से सूर्यास्त के बीच रंग धारण का मुहूर्त बताया है। व्रत वाली एकादशी 14 मार्च को होगी।

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    होलाष्टक की शुरुआत 10 मार्च को हो गई है। 10 मार्च से शुरू हो चुके हैं होलाष्टक। फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी से शुरू हुए होलाष्टक पूर्णिमा पर होलिका दहन तक रहेंगे। इस अवधि में मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं। होलिका दहन के बाद फिर से मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं। होलिका दहन 17 मार्च को होगा। उत्तराखंड पर्व निर्णय सभा के अध्यक्ष डा. जगदीश चंद्र भट्ट का कहना है कि होलाष्टक में शुभ कार्य वर्जित होने का संदर्भ भक्त प्रहलाद व कामदेव से जुड़ा है।

    कहा जाता है कि राजा हिरण्यकश्यप ने बेटे प्रहलाद को फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से होलिका दहन तक कई प्रकार की यातनाएं दी थीं। भगवान शिव ने फाल्गुन अष्टमी के दिन कामदेव को अपने क्रोध अग्नि से भस्म कर दिया था। इस कारण होलाष्टक में शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं। इस दौरान विवाह, यज्ञोपवीत, मुंडन आदि शुभ कार्य नहीं करते। जप, तप, ध्यान आदि जरूर करना चाहिए। उत्तराखंड में छरड़ी यानी रंगों की होली 19 मार्च को रहेगी।

    होलिका दहन को एक घंटे 10 मिनट मिलेगा

    इस बार होलिका दहन के लिए एक घंटा 10 मिनट का ही समय मिलेगा। पर्व निर्णय सभा के सचिन डा. नवीन जोशी बताते हैं कि 17 मार्च को दोपहर 1:20 बजे से देर रात एक बजे बाद तक भद्रा योग रहेगा। भद्रा काल को अशुभ माना गया है। रात्रि 9:04 बजे से 10:14 बजे तक भद्रा का पुष्छकाल रहेगा। इस अवधि में होलिका दहन किया जा सकता है।

    गोरी धीरे चलो लुट जाओगी डगर..

    सुर साधना संगीत कला समिति की ओर से शुक्रवार को ऊंचापुल में बैठकी होली आयोजित की गई। होल्यारों ने विभिन्न रागों पर आधारित होली गीतों का गायन किया। होल्यार अरुण पांडे ने आयो नवल वसंत.., गिरजा शंकर पंत ने गोरी धीरे चलो लुट जाओगी डगर.. व हेमंत पंत ने चलो री सखी होली खेलन को.. गाकर मंत्रमुग्ध किया। तबले पर स्मित तिवारी, कमल जोशी व अभिषेक ने बारी-बारी संगत की। यहां जया पंत, प्रभात पांडे, हेम तिवारी, देवेंद्र पंत आदि मौजूद रहे।