दुष्कर्म और हत्या के दोषी की उम्र कैद की सजा को हाईकोर्ट ने बरकरार रखा nainital news
रामनगर में मजदूर की 10 साल की बेटी से दुष्कर्म और हत्या मामले में हाईकोर्ट ने फैसला सुना दिया है। दो जजों की बेंच ने दोषी पवन सैनी को निचली कोर्ट से मिली उम्रकैद की सजा सुनाई।
नैनीताल, जेएनएन : रामनगर में मजदूर की 10 साल की बेटी से दुष्कर्म और हत्या मामले में हाईकोर्ट ने फैसला सुना दिया है। कोर्ट की दो जजों की बेंच ने दोषी पवन सैनी को निचली कोर्ट से मिली उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है। साथ ही दोषी की याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दी है।
अप्रैल 2014 की है घटना
दरअसल दोषी पवन सैनी को बच्ची मामा के रिश्ते की अहमियत देती थी। 12 अप्रैल 2014 को बच्ची के पिता बाजार गए थे । जिसके बाद पवन सैनी बच्ची के साथ देखा गया था। जब शाम को पिता श्रीराम पत्नी के साथ घर लौटे तो बेटी घर पर नहीं थी। बच्ची की खोजबीन किया गया तो उस दिन कोई पता नहीं चल सका।
आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज
इस दौरान रुकसाना ने बताया कि कल दिन में पवन बच्ची के साथ था जिसके बाद सभी मजदूरों ने पवन को पकड़कर पीटा तो उसने बताया कि वो बच्ची को लेकर जंगल गया था। जहां उसने उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। इस घटना के बाद बच्ची के पिता ने रामनगर कोतवाली में आरोपी पवन सैनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और पुलिस ने पवन को पकड़कर जेल भेज दिया।
जिला जज ने सुनाई थी उम्रकैद
इस पूरे मामले पर जिला अदालत में लम्बी सुनवाई हुई तो छह अप्रैल 2014 को जिला जज ने दोषी मानते हुए पवन सैनी को आजीवन कारावास की सजा सुना दी। इस फैसले को पवन ने हाईकोर्ट में चुनौती दी और कहा वो निर्दोष है व उनको पूरे मामले पर फंसाया जा रहा है। सुनवाई के दौरान सरकारी अधिवक्ता जेएस विर्क ने दलील दी की इस मामले में जो भी वैज्ञानिक व अन्य प्रमाण से इसी ने हत्या करने के पूरे साक्ष्य मिले हैं जिसको कोर्ट ने माना व दोषी की सजा को बरकरार रखा है।
मामा का बनाया था बेटी ने रिश्ता
श्रीराम का परिवार व दोषी पवन पड़ोसी थे दोनों कोसी नदी में खनन में मजदूरी करते थे इस दौरान बच्ची ने पवन से मामा का रिश्ता बना लिया जिसके चलते घर के लोगों को भी पवन से कोई खतरा नहीं था मगर बलात्कार के प्रयास में पवन एक दिन बच्ची को बहलाकर साथ जंगल ले गया और हत्या कर दी।
यह भी पढ़ें : रिसेप्शन से लौट रहे लोगों की कार खाई में गिरी, हादसे में तीन की मौत, चालक की हालत गंभीर
यह भी पढ़ें : सार्वजनिक स्थलों पर अतिक्रमण कर बनाए धार्मिक स्थलों की सूची हाईकोर्ट ने तलब की