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    नैनीताल शहर में अतिक्रमण को लेकर हाईकोर्ट का सख्त रूख

    By BhanuEdited By:
    Updated: Fri, 17 Aug 2018 09:13 AM (IST)

    हाई कोर्ट ने शहर में अतिक्रमण मामले में सख्त रवैया अपनाते हुए जिला विकास प्राधिकरण सचिव व एडीएम हरबीर सिंह व पालिका ईओ रोहिताश शर्मा को नोटिस जारी किया है।

    नैनीताल शहर में अतिक्रमण को लेकर हाईकोर्ट का सख्त रूख

    नैनीताल, [जेएनएन]: हाई कोर्ट ने शहर के मल्लीताल चार्ट पार्क समेत भोटिया बाजार, न्यू पालिका बाजार और तिब्बती बाजार में अतिक्रमण मामले में सख्त रवैया अपनाते हुए जिला विकास प्राधिकरण सचिव व एडीएम हरबीर सिंह व पालिका ईओ रोहिताश शर्मा को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने पूछा है कि क्यों ना इन अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए। 

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    कोर्ट ने कहा है कि न्यू पालिका बाजार, चाट पार्क, भोटिया बाजार में दुकानों का आवंटन पक्षपातपूर्ण तरीके से क्यों किया गया। कोर्ट के आदेश के बाद पालिका व प्रशासन की ओर से हटाया गया अतिक्रमण सवालों के घेरे में आ गया है।

    अधिवक्ता अंजली भार्गव ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि नैनीताल में नयना देवी मंदिर के आसपास अतिक्रमण होने तथा नैनीताल का प्रसिद्ध नंदा देवी महोत्सव के दौरान फ्लैट्स में मेले का आयोजन का जिम्मा पालिका को सौंपने की मांग की थी। 

    इस मामले में महोत्सव आयोजक संस्था श्रीराम सेवक सभा की ओर से पुनर्विचार प्रार्थना पत्र दाखिल किया था, जिस पर सुनवाई की तिथि गुरुवार नियत की है, मगर कोर्ट ने मंदिर परिसर के चाट पार्क, भोटिया बाजार, न्यू पालिका बाजार से अतिक्रमण हटाने के हाई कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं करने पर सख्त नाराजगी जताई। 

    कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ ने आदेशों का अनुपालन नहीं करने पर एडीएम व पालिका ईओ को नोटिस जारी कर कहा है कि क्यों ने अवमानना की कार्रवाई की जाए। कोर्ट ने पूछा है कि दुकानदारों को कितनी पैमाईश की दुकानें दी गई हैं। दुकानों की झाप क्यों नहीं हटाई गई। दुकानों को दुमंजिला क्यों बनाया है। मामले में अगली सुनवाई गुरुवार नियत की है।

    रामनगर के पूर्व पालिकाध्यक्ष दंपती फंसे

    हाई कोर्ट ने अवैध कब्जे के मामले में कार्रवाई नहीं करने पर रामनगर के पूर्व पालिकाध्यक्ष भगीरथ लाल चौधरी व उर्मिला चौधरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश पारित किए हैं। कोर्ट ने जिलाधिकारी को मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही कब्जा खाली कराने के सख्त निर्देश दिए हैं।

    रामनगर निवासी भूपेंद्र सिंह खाती व ललित पांडे ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि नगरपालिका रामनगर को 18 बीघा 76 बिस्वा भूमि ट्रंचिंग ग्राउंड के लिए दी गई थी, 2010 में उक्त भूमि के तीन बीघा की रजिस्ट्री नगरपालिका के नाम हुई और शेष भूमि पर अवैध कब्जे होते गए। 

    तत्कालीन कुमाऊं कमिश्नर ने जांच की तो जांच रिपोर्ट में अवैध कब्जों के लिए तत्कालीन चेयरमैन को दोषी ठहराते हुए मुकदमा दर्ज कराने की संस्तुति की थी, मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। आरोप है कि पद का दुरुपयोग कर पालिका को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया। 

    कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति मनोज तिवारी की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद कमिश्नर की जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई नहीं होने को गंभीर माना, साथ ही जिलाधिकारी को प्राथमिकी दर्ज कराने के साथ ही कब्जा खाली कराने के निर्देश दिए।

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