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दक्षिण अफ्रीका टूर घोटाले में हाई कोर्ट सख्त, इनको जारी किया नोटिस

अफ्रीका टूर घोटाला मामले में मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक डीबीएस खाती, जैव विविधता बोर्ड के सचिव जीएस पांडे, लेजर ग्रुप के मालिक मुकुंद प्रसाद को नोटिस जारी किया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 09 Jan 2019 12:35 PM (IST)Updated: Wed, 09 Jan 2019 08:44 PM (IST)
दक्षिण अफ्रीका टूर घोटाले में हाई कोर्ट सख्त, इनको जारी किया नोटिस
दक्षिण अफ्रीका टूर घोटाले में हाई कोर्ट सख्त, इनको जारी किया नोटिस

नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट ने ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए दक्षिण अफ्रीका टूर घोटाला मामले में मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक डीबीएस खाती, जैव विविधता बोर्ड के सचिव जीएस पांडे, लेजर ग्रुप के मालिक मुकुंद प्रसाद को नोटिस जारी किया है। साथ ही राज्य सरकार को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश भी दिए हैं। पूर्व में टूर कराने वाली संस्था सिफडी की ओर से जवाब दाखिल कर कहा गया था कि टूर के नाम पर 20 लाख का भुगतान 15 अगस्त 2008 को किया गया था तो कोर्ट ने सवाल पूछा था कि अवकाश के दिन कैसे भुगतान कर दिया गया। साथ ही कालागढ़ रेंज के रेंजर आरके तिवारी को स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका में पक्षकार बनाया था।
अधिवक्ता जयप्रकाश डबराल ने जनहित याचिका दायर की थी और कहा था कि 2006 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री रहे नव प्रभात, पूर्व विधायक शैलेंद्र मोहन सिंघल समेत तीन वन अफसर व कई अन्य लोग ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए दक्षिण अफ्रीका टूर पर गए। उस दौरे में सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया। याचिकाकर्ता ने मामले की जांच की मांग की थी। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति रमेश खुल्बे की खंडपीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक दिग्विजय सिंह खाती, जैव विविधता बोर्ड सचिव जीएस पांडे, लेसर गु्रप निदेशक मुकुंद प्रसाद को नोटिस जारी किया है। सरकार को भी चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई 14 फरवरी नियत की है।

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बेकलॉग के 541 शिक्षक पदों की नियुक्ति पर रोक
नैनीताल : हाई कोर्ट ने आरक्षित कोटे में बेकलॉग के 541 प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति पर फिलहाल रोक लगा दी है। अलबत्ता कोर्ट ने साफ किया है कि चयन प्रक्रिया जारी रहेगी। यह भी कहा है कि भर्ती का परिणाम याचिका के निर्णय के अधीन रहेगा।
शिक्षा विभाग की ओर से 14 दिसंबर को नोटिफिकेशन जारी कर सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों को बैकलॉग के पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया आरंभ करने संबंधी दिशा-निर्देश जारी किए थे। इस नोटिफिकेशन को रामनगर के प्रकाश राम द्वारा याचिका दायर कर चुनौती दी गई। याचिका में कहा गया था कि हाई कोर्ट ने 2016 में बैकलॉग के जिन पदों के लिए भर्ती निकाली थी, उसी से भरा जाए मगर सरकार द्वारा इन पदों पर एससी चयनित अभ्यर्थियों के बजाय नई विज्ञप्ति जारी कर चयन प्रक्रिया आरंभ कर चुकी है। न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद नियुक्ति पर तो रोक लगा दी पर चयन प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाई है। इस मामले में अगली सुनवाई फरवरी में होगी।

अधिवक्ताओं के चैंबर मामले में सुनवाई 13 फरवरी को
नैनीताल : हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ ने अधिवक्ता चैंबर निर्माण मामले में सुनवाई करते हुए पक्षकारों को जवाब दाखिल करने के  लिए चार सप्ताह का समय दिया है और अगली सुनवाई 13 फरवरी नियत की है।
अधिवक्ता प्रदीप कुमार, डीके जोशी समेत 104 अधिवक्ताओं ने चैंबर निर्माण को लेकर याचिका दायर की है। इसमें कहा गया है कि सितंबर 2015 में तत्कालीन सीएम हरीश रावत ने शिलान्यास करने के साथ ही एक करोड़ देने की घोषणा की थी। इसमें से 50 लाख लोक निर्माण विभाग को आवंटित कर दिए थे, मगर चैंबर निर्माण में आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिस कारण नियमित रूप से वकालत कर रहे अधिवक्ताओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। याचिका में मुख्य सचिव, सचिव वित्त, लोनिवि, उत्तराखंड बार काउंसिल, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, हाई कोर्ट बार एसोसिएशन, मुख्य अभियंता व अधिशासी अभियंता लोनिवि को पक्षकार बनाया गया है।

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