ट्रांसजेंडर की याचिका पर हाई कोर्ट ने सरकार से चार सप्ताह के भीतर मांगा जवाब
हाई कोर्ट ने यौन उत्पीड़न के मामले में सरकार से चार सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है । न्यायाधीश न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ में चर्चित मामले की सुनवाई हुई।
नैनीताल, जेएनएन। हाई कोर्ट ने यौन उत्पीड़न के मामले में सरकार से चार सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है । न्यायाधीश न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ में चर्चित मामले की सुनवाई हुई।
एक ट्रांसजेंडर महिला ने 2017 में कोटद्वार थाने में एक एफआईआर इस आधार पर दर्ज कराई थी कि वह और कोटद्वार निवासी परीक्षित अरविन्द जोशी दोनों मुम्बई के एक पांच सितारा होटल में जॉब करते थे । दोनों के बीच में प्रेम प्रसंग चल रहा था। इस दौरान अपना जेंडर चेंज कर महिला बन गई । कोटद्वार निवासी परीक्षित अरविन्द जोशी ने उसे शादी के बहाने कोटद्वार बुलाया और उसके साथ रेप किया। इसकी रिपोर्ट उसने कोटद्वार थाने में आईपीसी की धारा 376 में दर्ज कराई परन्तु कोटद्वार पुलिस ने 376 का मुकदमा दर्ज न करके 377 अप्राकृतिक यौन शोषण का मुकदमा दर्ज कर दिया ।
पुलिस ने उनको एक महिला मानने से इन्कार कर दिया। उन्होंने अपनी याचिका में यह भी कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश नालसा बनाम केंद्र सरकार जिसमें ट्रांसजेंडर को मान्यता दी गयी है उनको भी एक महिला के समान अधिकार है। उनकी भी एफआईआर 376 में दर्ज की जाय न कि 377 में। मामले को सुनने के बाद कोर्ट ने सरकार चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है।
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