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    नैनीताल-रानीबाग रोपवे प्रोजेक्ट केस में हाईकोर्ट ने एनएचआइ से मांगा जवाब

    By Prashant MishraEdited By:
    Updated: Wed, 18 May 2022 03:34 PM (IST)

    निहाल नाले और बलिया नाले के मध्य मनोरा पीक पर निर्माण कार्य होना है ये दोनो नाले भूगर्भीय रिपोर्ट के आधार पर अतिसंवेदनशील क्षेत्र है। लिहाजा यहा किसी भी प्रकार का निर्माण नही किया जा सकता। कोर्ट ने एनएचआइ से इन तथ्यों पर जवाब मांगा है।

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    NHAI को अपना पक्ष शपथपत्र के माध्यम से 15 जून तक कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए है।

    जागरण संवाददाता, नैनीताल : हाईकोर्ट ने रानीबाग से नैनीताल के लिए प्रस्तावित रोपवे प्रोजेक्ट के मामले में जनहित याचिका पर सुनवाई की। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ ने नेशनल हाइवे आफ अथॉरिटी को अपना पक्ष शपथपत्र के माध्यम से 15 जून तक कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए है।

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    अगली सुनवाई 15 जून की तिथि नियत की है। कोर्ट के आदेश पर एनएचएआई ने बताया कि केंद्र सरकार ने रोपवे से सम्बंधित बड़े प्रोजेक्ट बनाने का जिम्मा उनको सौंपा है। यह प्रोजेक्ट भी उनको दिया है। इसके लिए एनएचएआई ने मार्च 2022 में जर्मन ऑस्ट्रेलियन कम्पनी को ठेका भी दे दिया है, अब एनएचएआई इस पूरे प्रोजेक्ट का फिर से निरीक्षण करेगी।

    कोर्ट ने इन तथ्यों को शपथपत्र के माध्यम से कोर्ट में पेश करने को कहा है। नैनीताल निवासी पर्यावरणविद  प्रो. अजय रावत ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि टूरिज्म डवलमेंट बोर्ड और राज्य सरकार द्वारा रानीबाग से नैनीताल के लिए रोपवे का निर्माण प्रस्तावित है।

    रोपवे के लिए निहाल नाले और बलिया नाले के मध्य मनोरा पीक पर निर्माण कार्य होना है ये दोनो नाले भूगर्भीय रिपोर्ट के आधार पर अतिसंवेदनशील क्षेत्र है। लिहाजा यहा किसी भी प्रकार का निर्माण नही किया जा सकता। पूर्व में भी हाई कोर्ट ने हनुमान गढ़ी क्षेत्र में किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य पर रोक लगाई थी। याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि वे रोपवे के विरोध में नही है, बल्कि रोपवे के निर्माण से पहले इसकी विस्तृत भूगर्भीय जाँच कराई जाए।