निजी बस आपरेटरों की हड़ताल पर हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
राज्य में चल रही निजी बस आपरेटरों की हड़ताल पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को 24 घंटे के भीतर यह बताने को कहा कि यात्रियों की सुविधा के लिये क्या कदम उठाए हैं।
नैनीताल, [जेएनएन]: राज्य में चल रही निजी बस आपरेटरों की हड़ताल का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। हाईकोर्ट ने पूरे मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को 24 घंटे के भीतर कोर्ट को यह बताने को कहा है कि पहाड़ में यात्रियों की सुविधा के लिये क्या कदम उठाए हैं।
साथ ही कोर्ट ने सरकार को कल तक इस मामले में जवाब दाखिल करने को कहा है। इस मामले में कल हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। यहां बता दें कि पहाड़ में यात्रियों की बडी परेशानियों को देखते हुए हल्द्वानी के नीरज तिवाड़ी ने जनहित याचिका दाखिल की है।
याचिका में उन्होंने निजी बस आपरेटरों की हड़ताल को जल्द खत्म करने की मांग है। याचिका में कहा गया है कि केमू, जेमू व आर्दश मोटर पहाड़ की लाइफ लाइन हैं। पहाड़ के रूटों पर सिर्फ 10 फीसद सरकारी बसों का संचालन होता है। 90 प्रतिशत परमिट इन निजी बस आपरेटरों के पास ही है।
याचिका में कहा गया है कि ये बस आपरेटर हड़ताल पर हैं। इसके चलते रोडवेज बसों में ओवरलोडिंग से हादसों का खतरा बना है। वहीं, यात्रियों को ट्रक के साथ अन्य यातायात के साधनों में सफर करना पड़ रहा है। याचिका में मांग की गई है कि सरकार को हड़ताल खुलवाने के लिए निर्देश दें। साथ ही हड़तालियों पर एस्मा लगाई जाए। मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ में हुई। कोर्ट की सख्ती के बाद हड़ताल खत्म होने के कयास लगने लगे हैं।
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