Updated: Fri, 15 Aug 2025 04:07 PM (IST)
नैनीताल में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव को लेकर हाई कोर्ट ने सख्ती दिखाई है। मतदान स्थल से पांच सदस्यों के अपहरण के आरोप के बाद कोर्ट ने एसएसपी को अपहरणकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया। कांग्रेस ने भाजपा समर्थकों पर अपहरण का आरोप लगाया है। कोर्ट ने डीएम से मतदान का समय बढ़ाने और अगवा सदस्यों को तलाशने को कहा है।
जागरण संवाददाता, नैनीताल। जिला पंचायत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के लिए वोटिंग को लेकर नैनीताल में सड़क से लेकर हाई कोर्ट तक हाई वोल्टेज ड्रामा चला। मतदान स्थल से पांच सदस्यों का अपहरण का आरोप लगा कांग्रेस के नेता व जिपं सदस्य समर्थकों के साथ हाई कोर्ट पहुंच गए।
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अर्जेंट मेंशन की अर्जी पर हाई कोर्ट ने दिन में दो बार सुनवाई के दौरान एसएसपी को जिपं सदस्यों का अपहरण करने वालों पर प्राथमिकी करने और घटना के दौरान मूकदर्शक बने रहे पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मामले में डीएम वंदना की ओर से कहा गया कि मतदान समय बढ़ाए जाने के बाद 27 में से 22 सदस्यों ने वोट डाला है।
पूरे मामले में रिपोर्ट राज्य निर्वाचन आयोग को भेजी जा रही है। अब आयोग से जो आदेश होगा, उसका अनुपालन कराया जाएगा। गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने कांग्रेस व सरकार दोनों पक्षों को सुना। दोपहर में कोर्ट ने एसएसपी, डीएम व एएसपी को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश होने को कहा। करीब दस मिनट के बाद डीएम-एसएसपी पेश हुए।
कोर्ट ने उनसे कहा कि मतदान शांतिपूर्वक हो। जो दस जिला पंचायत के सदस्य कोर्ट में आए हैं, उन्हें कोर्ट ने मतदान स्थल तक पहुंचाने के लिए हाई कोर्ट के सुरक्षा अधिकारी राकेश बिष्ट को जिम्मेदारी दी। कोर्ट ने अगवा पांच सदस्यों को भी तलाश कर मतदान स्थल तक लाने को कहा। डीएम को मतदान का समय बढ़ाने के भी निर्देश दिए। साथ ही डीएम-एसएसपी से शाम 4.30 बजे तक इसकी रिपोर्ट भी पेश करने को कहा है।
कांग्रेस की ओर से याचिका में आरोप लगाया किया कि पांच जिला पंचायत सदस्य मतदान स्थल से अपहृत कर लिए गए। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व विधायक संजीव आर्य, हल्द्वानी विधायक सुमित ह्रदयेश, खटीमा विधायक भुवन कापड़ी, कांग्रेस की जिपं अध्यक्ष पद की उम्मीदवार पुष्पा नेगी, सहित दस जिला पंचायत सदस्य दर्जनों समर्थकों के साथ मतदान स्थल छोड़कर कोर्ट पहुंचे।
पुष्पा नेगी की तरफ से कहा गया कि उनके सदस्यों को विपक्षी भाजपा समर्थकों ने अगवा किया है। उन्हें तलाशा जाय तथा उनको सुरक्षा दी जाय। उन्होंने पूरे घटनाक्रम के दौरान अपहरण किए जाने की लाइव वीडियो भी कोर्ट में दिखाई। जिसमें कुछ सदस्यों को घसीटकर ले जाते हुए भी दिख रहा था।
हाई कोर्ट ने पूछे सवाल
दूसरी बार सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा कि क्या पांच निर्वाचित सदस्यों का पता लगा पाए हैं तो एसएसपी पीएन मीणा ने बताया कि मतदान से 10 दिन पहले निर्वाचित प्रतिनिधियों को सुरक्षा प्रदान की गई। जब पुलिस पांच सदस्यों के घर पहुंचीं तो वे नहीं मिले।
स्वजन ने बताया कि वे रिश्तेदारों से मिलने गए हैं और उन्हें किसी सुरक्षा की आवश्यकता नहीं है। एसएसपी ने सदस्यों की ओर से पेश व हस्ताक्षरित कुछ हलफनामे भी पेश किए। जिनमें कहा गया था कि अपनी इच्छा से कुछ स्थानों पर जा रहे हैं।
कोर्ट ने शपथपत्रों की सत्यता पता कराई तो वे गुरुवार को ही लिखे होने की जानकारी सामने आई। जिसे लेकर कोर्ट एसएसपी पर भी सख्त दिखी। महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर और सीएससी ने कोर्ट को बताया कि पांचों सदस्यों ने हलफनामे में कहा है कि उन्होंने स्वेच्छा से मतदान में भाग नहीं लिया है।
सदस्यों के स्वजन व दो वीडियो कोर्ट में पेश
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता डीएस पाटनी ने कोर्ट के समक्ष पेन-ड्राइव व वीडियो प्रस्तुत किए। जिसमें जिपं सदस्य डिकर सिंह मेवाड़ी को कुछ लोग घसीटते हुए ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में एक सशस्त्र पुलिसकर्मी मुंह फेरकर दूसरी ओर देखता हुआ दिखाई दे रहा है।
कोर्ट में एक अन्य वीडियो भी चलाया गया। जिसमें दावा किया गया है कि मतदान न करने की इच्छा जताते हुए कथित शपथपत्र देने वाले तीन सदस्यों को तो मतदान केंद्र के समीप से घसीटकर ले जाया जा रहा है। इस वीडियो को कोर्ट ने डीएम व एसएसपी से भी साझा करने को कहा।
अधिवक्ता डीएस मेहता ने कहा कि अपहरणकर्ताओं के विरुद्ध तल्लीताल थाने में तहरीर लेने से इन्कार कर दिया गया। जिस पर एसएसपी ने कहा कि इसके लिए दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। जिपं सदस्य दीप बिष्ट की बहन व प्रमोद सिंह के भाई विनोद भी कोर्ट में पेश हुए।
विनोद ने कोर्ट को बताया कि वह बुधवार को नैनीताल पहुंचे और ला-निवासा होटल में ठहरे हुए हैं। उनका भाई भी सुबह नैनीताल आकर उसी होटल में रुका। कहा कि भाजपा नेता प्रताप बिष्ट, आनंद सिंह दर्मवाल, बाबी भाकुनी, शंकर कोरंगा, आनंद के दो भतीजे, पंकज नेगी, चतुर बोरा, प्रमोद बोरा और विशाल नेगी आदि को उसने भाई को घसीटकर ले जाते हुए देखा था। सदस्य विपिन जंतवाल के पुत्र ने भी बयान दर्ज कराए। अब इस मामले में अगली सुनवाई सोमवार 18 अगस्त को होगी।
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