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    हरिद्वार जिपं अध्यक्ष सुभाष वर्मा को नोटिस, हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब भी मांगा nainital news

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Wed, 08 Jan 2020 06:44 PM (IST)

    गांव के नगर निगम हरिद्वार में शामिल हो जाने की वजह से जिला पंचायत अध्यक्ष सुभाष वर्मा फंस गए हैं। ...और पढ़ें

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    हरिद्वार जिपं अध्यक्ष सुभाष वर्मा को नोटिस, हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब भी मांगा nainital news

    नैनीताल, जेएनएन : गांव के नगर निगम हरिद्वार में शामिल हो जाने की वजह से जिला पंचायत अध्यक्ष सुभाष वर्मा फंस गए हैं। हाई कोर्ट ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद से अयोग्य घोषित करने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार के साथ ही जिपं अध्यक्ष वर्मा को नोटिस जारी किया है। नोटिस का जवाब तीन सप्ताह में दाखिल करना होगा। अगली सुनवाई 11 फरवरी को होगी।

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    हरिद्वार निवासी अरविंद ने याचिका दायर कर कहा है कि हरिद्वार जिला पंचायत अध्यक्ष सुभाष वर्मा का नाम आसफनगर की मतदाता सूची में दर्ज है। यह गांव नगर निगम हरिद्वार में शामिल हो चुका है। नियमानुसार नगर निगम का वोटर जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए अर्ह नहीं है। ऐसे में उन्हें उन्हें अयोग्य घोषित किया जाए। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद सरकार व जिला पंचायत अध्यक्ष को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

    बर्खास्त जिपं अध्यक्ष सविता को भी झटका

    हाई कोर्ट से हरिद्वार की बर्खास्त जिला पंचायत अध्यक्ष सविता चौधरी को भी झटका लगा है। कोर्ट ने बर्खास्तगी को चुनौती देती उनकी विशेष अपील भी खारिज कर दी। दरअसल दुकान आवंटन अनियमितता  मामले में शासन ने तत्कालीन जिलाधिकारी दीपक रावत से जांच कराई। प्रारंभिक जांच पड़ताल में अनियमिता की पुष्टिï होने के बाद कमिश्नर गढ़वाल द्वारा जांच की गई। कमिश्नर की जांच रिपोर्ट के आधार पर अक्टूबर 2019 में शासन ने जिपं अध्यक्ष सविता चौधरी को बर्खास्त कर दिया। शासन के इस आदेश को सविता चौधरी द्वारा याचिका दायर कर चुनौती दी। कोर्ट ने मामले में अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया। जिसके बाद सविता द्वारा विशेष अपील दायर की गई। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सविता चौधरी की विशेष अपील खारिज कर दी।

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