Nainital High Court: प्रोफेसर को हस्ताक्षर करने से रोकने पर हाई कोर्ट ने जताई नाराजगी
नैनीताल हाई कोर्ट ने जीबी पंत इंजीनियरिंग संस्थान के प्रोफेसर को हाजिरी रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने से रोकने पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने संस्थान के निदेशक से जवाब मांगा है कि प्रोफेसर को काम करने से क्यों रोका जा रहा है। प्रोफेसर को तत्काल प्रभाव से हस्ताक्षर करने की अनुमति देने के निर्देश दिए गए हैं। यह मामला प्रोफेसर यशवीर सिंह की याचिका पर सुनवाई के दौरान सामने आया।
जागरण संवाददाता, नैनीताल। हाई कोर्ट ने जीबी पंत इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान पौड़ी गढ़वाल के एक प्रोफेसर को संस्थान के निदेशक की ओर से उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने से रोकने के संबंध में दायर याचिका पर सुनवाई की।
कोर्ट ने हस्ताक्षर करने से रोकने पर नाराजगी प्रकट करते हुए निदेशक को यह स्पष्ट करने को कहा कि याचिकाकर्ता प्रोफेसर को काम करने की अनुमति क्यों नहीं दे रहे हैं। कोर्ट के कड़े रुख के बाद प्रोफेसर को हस्ताक्षर करने की अनुमति देने के निर्देश दिए हैं।
साथ ही निदेशक को जवाब दाखिल करने को कहा है। न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी व न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ में जीबी पंत इंजीनियरिंग कालेज के प्रो.यशवीर सिंह की याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि
यह गंभीर विषय है। संस्थान के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के उपाध्यक्ष ने मई 2023 में प्रोफेसर यशवीर सिंह को बिपिन त्रिपाठी कुमाऊं प्रौद्योगिकी संस्थान द्वाराहाट, अल्मोड़ा में अटैच कर दिया था। हालाकि पहली जुलाई, 2024 को तत्काल प्रभाव से अटैचमेंट वापस ले लिया गया और प्रोफेसर सिंह को अपने मूल संस्थान में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया।
प्रो. यशवीर ने कार्यभार ग्रहण कर लिया, लेकिन संस्थान के निदेशक पर आरोप है कि कि वह याचिकाकर्ता को उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं। निदेशक ने उपस्थिति रजिस्टर पर पृष्ठांकन कर दिया है। कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए याचिकाकर्ता प्रोफेसर को हस्ताक्षर करने की अनुमति प्रदान करने के निर्देश देते हुए इस मामले में निदेशक से जवाब मांगा है।
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