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चारधाम देवस्थानम बोर्ड मामले में हाईकोर्ट ने स्वामी से प्रतिशथपत्र पेश करने को कहा

हाइकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार के चारधाम देवस्थानम बोर्ड (Chardham Devasthanam Board) के गठन को लेकर दायर जनहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 11 Jun 2020 03:28 PM (IST)Updated: Thu, 11 Jun 2020 03:28 PM (IST)
चारधाम देवस्थानम बोर्ड मामले में हाईकोर्ट ने स्वामी से प्रतिशथपत्र पेश करने को कहा
चारधाम देवस्थानम बोर्ड मामले में हाईकोर्ट ने स्वामी से प्रतिशथपत्र पेश करने को कहा

नैनीताल, जेएनएन : हाइकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार के चारधाम देवस्थानम बोर्ड (Chardham Devasthanam Board) के गठन को लेकर दायर जनहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की। कोर्ट ने याचिकाकर्ता सांसद सुब्रमण्यम स्वामी से 22 जून तक प्रतिशथपत्र पेश करने को कहा है। आज मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में राज्य सरकार की तरफ से जवाब पेश किया गया। अगली सुनवाई 22 जून की तिथि नियत की है ।

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मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में बीजेपी सांसद व चर्चित अधिवक्ता सुब्रमण्यम स्वामी की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया है कि प्रदेश सरकार द्वारा चारधाम के मंदिरों के प्रबंधन को लेकर लाया गया देवस्थानम् बोर्ड अधिनियम असंवैधानिक है। देवस्थानम् बोर्ड (Devasthanam Board) के माध्यम से सरकार द्वारा चारधाम व 51 अन्य मंदिरों का प्रबंधन लेना संविधान के अनुच्छेद 25 व 26 का उल्लंघन है।

सरकार के इस फैसले के बाद प्रभावित धार्मिक स्थानों व मंदिरों के पुजारियों में भारी रोष पैदा हो गया था। स्वामी ने कहा है कि तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश , केरल व महाराष्ट्र सरकार ने भी इस तरह के निर्णय लिए थे, जिनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की थी और सुप्रीम कोर्ट गलत ठहरा चुका है।

मामले में सुप्रीम कोर्ट के कई निर्णय पहले से ही हैं। जिन राज्यों ने इस तरह के निर्णय लिए थे, उन्होंने कभी मस्जिद, गिरजाघर को विधेयक में शामिल क्यों नहीं किया। सिर्फ मन्दिरों को ही शामिल क्यों किया गया। याचिका में यह भी प्रार्थना की है कि जब तक इसमें कोर्ट से कोई निर्णय नहीं आ जाता सरकार कोई अग्रिम कार्यवाही न करें।

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