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    World Radio Day : रेडियो के महत्व को बरकरार रखे है हैलो हल्द्वानी एफएम

    By Prashant MishraEdited By:
    Updated: Sat, 13 Feb 2021 09:32 AM (IST)

    उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में 2012 में रेड‍ियो ने मूर्त रूप ल‍िया। हैलो हल्द्वानी 91.2 एफएम आज भी प्रत्येक सोमवार से रविवार तक विभिन्न कार्यक्रमों ...और पढ़ें

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    विशेषज्ञों के लेक्चर की आडियो क्लिप तैयार कर प्रसारित की जाती है।

    जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : 75 साल पहले आज ही के दिन पहली बार विश्व में रेडियो शब्द लोगों ने सुना था। 13 फरवरी 1946 को यूनाइटेड नेशंस रेडियो से पहली बार प्रसारण हुआ। अगले चार दशक तक समाचार, गीतमाला इसी रेडियो ने सुनाए। भारत में जिन गांवों में बिजली नहीं थी, वहां बैटरी चालित रेडियो मनोरंजन का साधन बना। तकनीकी का दौर आते ही टीवी, मोबाइल ने रेडियो की पहचान फीकी कर दी। हालांकि, इसका महत्व आज भी कम नहीं हुआ। इसी महत्व को बरकरार रखे हुए है उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय का 'हैलो हल्द्वानी सामुदायिक रेडियोÓ।

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    नौ साल पहले की थी शुरुआत

    जब रेडियो का चलन अपने आखिरी पड़ाव पर था, उस समय यूओयू ने रेडियो शुरू करने का मन बनाया। 2012 में इसे मूर्त रूप दिया गया। हैलो हल्द्वानी 91.2 एफएम आज भी प्रत्येक सोमवार से रविवार तक विभिन्न कार्यक्रमों का प्रसारण करता है। 

    मोबाइल एप भी तैयार

    पहले पहल हैलो हल्द्वानी को केवल यूओयू की वेबसाइट \क्रह्वशह्व.ड्डष्.द्बठ्ठ के माध्यम से ही सुना जा सकता था। लेकिन बाद में इसे मोबाइल एप 'हैलो हल्द्वानीÓ के जरिए भी आम आदमी की पहुंच तक लाया गया। 

    पहाड़ से रूबरू कराता है हैलो हल्द्वानी

    यूओयू का हैलो हल्द्वानी सामुदायिक रेडियो उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों और उनकी संस्कृति से रूबरू कराता है। इस संबंध में तमाम तरह के कार्यक्रम प्रसारित हो रहे हैं। इसके अलावा दूर-दराज के युवाओं तक दूरस्थ शिक्षा पहुंचाने का काम भी इसी एफएम हैलो हल्द्वानी से किया जाता है। विशेषज्ञों के लेक्चर की आडियो क्लिप तैयार कर प्रसारित की जाती है।

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