ढैंचा बीज घोटाला और सिडकुल की कंपनी में छंटनी के मामले में हुई सुनवाई, जानिए
हाई कोर्ट में सोमवार को बहुचर्चित ढैंचा बीज घोटाला मामले में सुनवाई हुई। अब अगली तिथि आठ अप्रैल नियत की गई है।
नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट में सोमवार को बहुचर्चित ढैंचा बीज घोटाला मामले में सुनवाई हुई। अब अगली तिथि आठ अप्रैल नियत की गई है।
सोमवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ में दिल्ली निवासी जेपी डबराल की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया है कि 2005-06 में तत्कालीन सरकार ने खरीफ की फसल को बढ़ावा देने के लिए ढैंचा वितरण की योजना बनाई थी। इसके लए ढैंचा बीज निर्धारित बाजार मूल्य से 60 फीसद अधिक दरों पर खरीदी गई। इस मामले में जांच के लिए सरकार ने त्रिपाठी आयोग का गठन किया था। आयोग की जांच रिपोर्ट में अफसरों के साथ ही मंत्री पर भी अंगुली उठाई गई थी, मगर सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद अगली सुनवाई आठ अप्रैल नियत कर दी।
श्रम सचिव, श्रमायुक्त व यूएसनगर डीएम को नोटिस
नैनीताल : हाई कोर्ट ने सिडकुल में मैसर्स भगवती प्रोडक्ट्स से 303 श्रमिकों की छंटनी करने, फैक्ट्री बंद कर यहां से मशीनें व अन्य मैटेरियल राज्य से बाहर कर शिफ्ट करने को गंभीरता से लिया है। इस पर कोर्ट ने प्रमुख सचिव श्रम तथा उद्योग एवं औद्योगिक विकास, श्रमायुक्त, ऊधमसिंह नगर के डीएम को नोटिस जारी किया है। साथ ही सरकार से पूछा है कि समस्त जानकारियां उपलब्ध होने के बाद भी कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
सोमवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक सिंह की एकलपीठ में फैक्ट्री श्रमिकों की याचिका पर सुनवाई हुई। इन श्रमिकों का कहना था कि कंपनी प्रबंधन ने 303 स्थायी श्रमिकों की गैरकानूनी तरीके से छंटनी की। गुपचुप तरीके से फैक्ट्री की मशीनें अन्यत्र शिफ्ट कर दी गई और यहां फैक्ट्री बंद कर दी गई, जिससे मजदूरों के समक्ष दिक्कतें खड़ी हो गई हैं। एकलपीठ ने फैक्ट्री बंद करने की प्रक्रिया पर जवाब मांगने के साथ ही प्रमुख सचिव श्रम व औद्योगिक विकास, श्रमायुक्त, उपश्रमायुक्त, उपरजिस्ट्रार ट्रेड यूनियन समेत ऊधमसिंह नगर के डीएम को नोटिस जारी किया है। साथ ही अगली सुनवाई की तिथि चार अप्रैल नियत की गई है।
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