हाईकोर्ट ने एकलपीठ का आदेश रखा बरकरार, इग्नू से डीएलएड मान्य, विशेष अपील खारिज
हाई कोर्ट की खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश के खिलाफ दायर सरकार की विशेष अपील खारिज कर दी है। एकलपीठ का आदेश बरकरार रखने से साफ है कि इग्नू से डीएलएड मान्य हो गया है।
नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट से इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी से डीएलएड पास अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिली है। हाई कोर्ट की खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश के खिलाफ दायर सरकार की विशेष अपील खारिज कर दी है। एकलपीठ का आदेश बरकरार रखने से साफ है कि इग्नू से डीएलएड मान्य हो गया है।
पिछले साल पहली जून को कोर्ट ने अभ्यर्थी बागेश्वर निवासी पुष्पा बलौदी, दयाल कुमार को सहायक अध्यापक पद के लिए योग्य करार दिया था। एकलपीठ के इस आदेश के साथ ही अल्मोड़ा निवासी कमला आर्य के पक्ष में दिए गए फैसले के खिलाफ सरकार ने विशेष अपील दायर की थी। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि उन्होंने 2014 में इग्नू से डीएलएड किया है। 21 नवंबर 2015 को डीईओ बेसिक बागेश्वर ने सहायक अध्यापक पदों पर भर्ती से संबंधित विज्ञप्ति जारी की तो याचिकाकर्ताओं ने आवेदन किया, मगर डीईओ बेसिक ने इग्नू से डीएलएड होने की वजह से अभ्यर्थियों का आवेदन निरस्त कर दिया। विभाग का कहना था कि इग्नू से डीएलएड सिर्फ उन्हीं अभ्यर्थियों का मान्य होगा, जो शिक्षा मित्र के रूप में कार्यरत हैं। याची पुष्पा व दयाल शिक्षा मित्र नहीं हैं। विभाग के इस आदेश के खिलाफ याचिका दायर की गई। उनका कहना था कि दो वर्षीय डिप्लोमा एनसीटीई से मान्यता प्राप्त है और याची टीईटी उत्तीर्ण भी हैं, लिहाजा उन्हें भी शिक्षा मित्रों की तरह सहायक अध्यापक पद के लिए योग्य माना जाए। एनसीटीई की ओर से हलफनामा देखकर कहा गया कि अभ्यर्थियों का डीएलएड मान्यता प्राप्त है। अल्मोड़ा की ममता के मामले में भी कोर्ट ने यही आदेश पारित किया था। सोमवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद सरकार की तीनों विशेष अपीलें खारिज कर दीं।
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