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पूर्व मुख्यमंत्रियों के बकाए को लेकर आए अध्‍यादेश को चुनौती देती याचिका पर सुनवाई पूरी

उत्तराखंड हाई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों से आवास भत्ता व अन्य सुविधाओं में हुए खर्चे को बकाया वसूल करने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई पूरी कर ली है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 03 Dec 2019 05:36 PM (IST)Updated: Wed, 04 Dec 2019 09:16 AM (IST)
पूर्व मुख्यमंत्रियों के बकाए को लेकर आए अध्‍यादेश को चुनौती देती याचिका पर सुनवाई पूरी
पूर्व मुख्यमंत्रियों के बकाए को लेकर आए अध्‍यादेश को चुनौती देती याचिका पर सुनवाई पूरी

नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्रियों से आवास व अन्य सुविधाओं में हुए खर्चे का बकाया माफ करने को लेकर जारी अध्यादेश के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई पूरी हो चुकी है।  कोर्ट ने इस अहम मामले में निर्णय के लिए सोमवार की तिथि नियत की है।

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मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा बताया गया कि कोर्ट के आदेश के बाद भी सरकार अध्यादेश लाई। यह संविधान के अनुच्छेद-14 का उल्लंघन है। जबकि सरकार के अधिवक्ता ने कहा कि सरकार द्वारा कोर्ट के आदेश का उल्लंघन नही किया गया। पूर्व मुख्यमंत्रियों की ओर से पक्ष कोर्ट में नही रखा गया।

देहरादून की रूरल लिटिगेशन संस्था की ओर से दायर इस जनहित याचिका के माध्यम से राज्य सरकार के पांच सितंबर 2019 के अध्यादेश को चुनौती दी गई है। इस अध्यादेश के द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रियों पर बकाया किराए को माफ कर दिया था। इससे पूर्व खंडपीठ ने पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी, नारायण दत्त तिवारी, विजय बहुगुणा, भुवन चंद्र खंडूरी, डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को घर खाली कर ब्याज समेत बाजार मूल्य से किराया जमा करने का आदेश पारित किया था। पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी को नोटिस की श्रेणी से बाहर किया गया था।  

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