नैनीताल हाई कोर्ट में फ्लोर मिल मालिकों से दोहरे मंडी शुल्क की वसूली के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने अगली सुनवाई 16 सितंबर को तय की है। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ जाकर नियम विरुद्ध तरीके से दोहरे शुल्क की वसूली कर रही है जिससे उन पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है।
जागरण संवाददाता, नैनीताल। हाई कोर्ट ने नैनीताल जिले में हल्द्वानी सहित यूएस नगर, हरिद्वार, देहरादून व अन्य जगहों पर स्थापित मंडी की ओर से फ्लोर मिल मालिकों से दोहरा शुल्क वसूलने के विरुद्ध दायर याचिकाओं पर सुनवाई की।
मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने समयाभाव को देखते हुए अगली सुनवाई को 16 सितंबर की तिथि नियत की है, जबकि याचिका के पक्षकारों की तरफ से अतिरिक्त कथन लिखित रूप से पेश किया।
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आशीर्वाद एग्रो, द्वारिका रोलर फ्लोर मिल, गुरु नानक रोलर फ्लोर मिल, एसके फ्लोर मिल, महावीर रोलर फ्लोर मिल, उत्तरांचल रोलर फ्लोर मिल सहित कई अन्य फ्लोर मिल मालिकों की ओर से याचिका दायर कर कहा है कि राज्य सरकार की ओर से मिलों से नियम विरुद्ध तरीके से अतिरिक्त शुल्क लिया जा रहा है, जबकि 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि जिस मंडी से गेहूं व अन्य सामग्री की खरीद की जाएगी, वहीं मंडी को शुल्क देगा।
जिस मंडी में पंजीकरण होगा, वह नहीं देगी, लेकिन राज्य सरकार व मंडी परिषद नियम विरुद्ध जाकर शुल्क वसूल कर रही हैं। उनको दो जगह शुल्क देना पड़ रहा है। इस पर रोक लगाई जाए। सुप्रीम कोर्ट ने साफ दिशा-निर्देश दिए हैं। राज्य सरकार नियमावली में संशोधन नहीं कर सकती। दो जगह शुल्क वसूली नियमों के विरुद्ध है।
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