वोटर लिस्ट से अतिक्रमणकारियों का नाम हटाए जाने के मामले पर हाई कोर्ट में सुनवाई, जज बोले- संविधान ने दिया है यह अधिकार
उच्च न्यायालय ने पंचायत चुनाव की मतदाता सूची से अतिक्रमणकारियों के नाम हटाने के मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि वोट देने का अधिकार संवै ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नैनीताल। हाई कोर्ट ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतदाता सूची से अतिक्रमणकारियों का नाम हटाए जाने के मामले पर सुनवाई की। मंगलवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने मामले में सख्त रुख अपनाते हुए याचिकाकर्ताओं से अपना प्रत्यावेदन विभाग को देने व विभाग को विधि अनुसार निस्तारित करने के निर्देश दिए हैं।
कोर्ट ने कहा कि यदि प्रत्यावेदन पर कोई निर्णय नहीं लिया जाता है तो याचिकाकर्ता फिर से कोर्ट मल आ सकते है। कोर्ट ने टिप्पणी की कि वोट देने का यह अधिकार संविधान के अनुच्छेद-239 के तहत दिया गया है। इससे उनको न तो कोर्ट , न ही सरकार वंचित कर सकती है। अगर याचिकाकर्ता अतिक्रमणकारी भी हैं तो नोटिस देकर कार्रवाई करें, जो सरकार ने नियमावली बनाई है, वह आधारहीन है।
ऊधमसिंह नगर के आनंद नगर निवासी भजन व अन्य ने याचिका दायर कर कहा है कि राज्य सरकार ने एक शासनादेश जारी कर कहा है कि सरकारी, वन भूमि व अन्य जगह पर अतिक्रमण करने वालों को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव- 2025में वोट देने व प्रतिभाग करने से वंचित किया जाएगा। मतदाता सूची से जानकारी मिली कि उनका नाम मतदाता सूची में नहीं है।
सरकार ने उनका वोट देने का अधिकार छीन लिया है। जबकि इससे पहले के सभी चुनावो में वोट देते आए हैं। उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना से आवास मिले है। अब वह कैसे अतिक्रमणकारी हो गए। वर्तमान सरकार अपना वोट बैंक को मजबूत करना चाह रही है। हमारा जनसेवक दूसरी पार्टी से है, इसलिए उनका नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया।

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