मध्य प्रदेश में डैमेज कंट्रोल करने के लिए कांग्रेस ने हरदा को मैदान में उतारा nainital news
मध्यप्रदेश में पॉलेटिकल डैमेज को कंट्रोल करने के लिए उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत भोपाल पहुंच चुके हैं।
नैनीताल, जेएनएन : मध्यप्रदेश में पॉलेटिकल डैमेज को कंट्रोल करने के लिए उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत भोपाल पहुंच चुके हैं। बताया जा रहा है वे जयपुर से कांग्रेस के 85 विधायकों को साथ पहुंचे हैं। दरअसल मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट कराने के लिए कहा है। भाजपा का दावा है कि कांग्रेस की सरकार अल्पमत में है और बहुमत साबित नहीं कर सकेगी। वहीं कांग्रेस का कहना है कि प्रतीक्षा करें, कमलनाथ सरकार बहुमत साबित करेगी।
हरदा ने कहा नर्वस हम नहीं, बीजेपी है
मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार पर सियासी संकट बना हुआ है। वहीं राज्यपाल के बहुमत साबित करने के फरमान के बाद कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता हरीश रावत को मैनेज करने के लिए मैदान में उतार दिया है। हरदा ने कहा कि कांग्रेस मध्य प्रदेश में फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार है। मध्य प्रदेश के सियासी संकट पर हरीश रावत ने कहा है, 'हम फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं और हम इसे जीतने के लिए आश्वस्त हैं। हम नहीं, बीजेपी नर्वस है। वे (बागी) विधायक हमारे संपर्क में हैं।' इसके साथ ही हरीश रावत ने सवाल किया कि अगर बीजेपी फ्लोर टेस्ट जीतने के लिए आश्वस्त है तो वो अपने विधायकों को दूसरे शहरों में क्यों भेज रही है।
राज्यपाल ने सरकार को जारी किया है ये पत्र
मध्यप्रदेश राजभवन से सीएम को जारी किए गए पत्र के मुताबिक राज्यपाल ने सीएम को कहा कि मध्य प्रदेश की हाल की घटनाओं से उन्हें प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि उनकी सरकार ने सदन का विश्वास खो दिया है और ये सरकार अब अल्पमत में है। राज्यपाल ने कहा है कि ये स्थिति अत्यंत गंभीर है और सीएम कमलनाथ 16 मार्च को सदन में बहुमत साबित करें।
सिंधिया के इस्तीफा देने के बाद से बिगड़े हालात
मध्य प्रदेश में ये राजनीतिक हालात ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद पैदा हुए हैं। होली के मौके पर सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद उनके समर्थक 22 विधायकों ने भी अपने इस्तीफे दे दिए हैं। सिंधिया बीजेपी में चले गए हैं और विधायकों के इस्तीफे से कांग्रेस की कमलनाथ सरकार अल्पमत में नजर आ रही है। हालांकि, विधायकों के इस्तीफों पर अब तक तस्वीर पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। इस बीच सोमवार (16 मार्च) से विधानसभा का सत्र शुरू होना है, जिसके मद्देनजर राज्यपाल ने भी कमलनाथ को पत्र लिखकर बहुमत साबित करने के लिए कह दिया है।
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